Read Surah Ahzabwith translation
يَٰٓأَيُّهَا ٱلنَّبِىُّ ٱتَّقِ ٱللَّهَ وَلَا تُطِعِ ٱلْكَٰفِرِينَ وَٱلْمُنَٰفِقِينَ إِنَّ ٱللَّهَ كَانَ عَلِيمًا حَكِيمًا
Ya ayyuha alnnabiyyu ittaqi Allaha wala tutiAAi alkafireena waalmunafiqeena inna Allaha kana AAaleeman hakeeman
ऐ नबी खुदा ही से डरते रहो और काफिरों और मुनाफिक़ों की बात न मानो इसमें शक नहीं कि खुदा बड़ा वाक़िफकार हकीम है।
وَٱتَّبِعْ مَا يُوحَىٰٓ إِلَيْكَ مِن رَّبِّكَ إِنَّ ٱللَّهَ كَانَ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرًا
WaittabiAA ma yooha ilayka min rabbika inna Allaha kana bima taAAmaloona khabeeran
और तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से तुम्हारे पास जो ''वही'' की जाती है (बस) उसी की पैरवी करो तुम लोग जो कुछ कर रहे हो खुदा उससे यक़ीनी अच्छा तरह आगाह है।
وَتَوَكَّلْ عَلَى ٱللَّهِ وَكَفَىٰ بِٱللَّهِ وَكِيلًا
Watawakkal AAala Allahi wakafa biAllahi wakeelan
और खुदा ही पर भरोसा रखो और खुदा ही कारसाजी के लिए काफी है
مَّا جَعَلَ ٱللَّهُ لِرَجُلٍ مِّن قَلْبَيْنِ فِى جَوْفِهِۦ وَمَا جَعَلَ أَزْوَٰجَكُمُ ٱلَّٰٓـِٔى تُظَٰهِرُونَ مِنْهُنَّ أُمَّهَٰتِكُمْ وَمَا جَعَلَ أَدْعِيَآءَكُمْ أَبْنَآءَكُمْ ذَٰلِكُمْ قَوْلُكُم بِأَفْوَٰهِكُمْ وَٱللَّهُ يَقُولُ ٱلْحَقَّ وَهُوَ يَهْدِى ٱلسَّبِيلَ
Ma jaAAala Allahu lirajulin min qalbayni fee jawfihi wama jaAAala azwajakumu allaee tuthahiroona minhunna ommahatikum wama jaAAala adAAiyaakum abnaakum thalikum qawlukum biafwahikum waAllahu yaqoolu alhaqqa wahuwa yahdee alssabeela
ख़ुदा ने किसी आदमी के सीने में दो दिल नहीं पैदा किये कि (एक ही वक्त दो इरादे कर सके) और न उसने तुम्हारी बीवियों को जिन से तुम जेहार करते हो तुम्हारी माएँ बना दी और न उसने तुम्हारे लिये पालकों को तुम्हारे बेटे बना दिये। ये तो फ़क़त तुम्हारी मुँह बोली बात (और ज़ुबानी जमा खर्च) है और (चाहे किसी को बुरी लगे या अच्छी) खुदा तो सच्ची कहता है और सीधी राह दिखाता है।
ٱدْعُوهُمْ لِءَابَآئِهِمْ هُوَ أَقْسَطُ عِندَ ٱللَّهِ فَإِن لَّمْ تَعْلَمُوٓا۟ ءَابَآءَهُمْ فَإِخْوَٰنُكُمْ فِى ٱلدِّينِ وَمَوَٰلِيكُمْ وَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ فِيمَآ أَخْطَأْتُم بِهِۦ وَلَٰكِن مَّا تَعَمَّدَتْ قُلُوبُكُمْ وَكَانَ ٱللَّهُ غَفُورًا رَّحِيمًا
OdAAoohum liabaihim huwa aqsatu AAinda Allahi fain lam taAAlamoo abaahum faikhwanukum fee alddeeni wamawaleekum walaysa AAalaykum junahun feema akhtatum bihi walakin ma taAAammadat quloobukum wakana Allahu ghafooran raheeman
लिये पालकों का उनके (असली) बापों के नाम से पुकारा करो यही खुदा के नज़दीक बहुत ठीक है हाँ अगर तुम लोग उनके असली बापों को न जानते हो तो तुम्हारे दीनी भाई और दोस्त हैं (उन्हें भाई या दोस्त कहकर पुकारा करो) और हाँ इसमें भूल चूक जाओ तो अलबत्ता उसका तुम पर कोई इल्ज़ाम नहीं है मगर जब तुम दिल से जानबूझ कर करो (तो ज़रूर गुनाह है) और खुदा तो बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।
ٱلنَّبِىُّ أَوْلَىٰ بِٱلْمُؤْمِنِينَ مِنْ أَنفُسِهِمْ وَأَزْوَٰجُهُۥٓ أُمَّهَٰتُهُمْ وَأُو۟لُوا۟ ٱلْأَرْحَامِ بَعْضُهُمْ أَوْلَىٰ بِبَعْضٍ فِى كِتَٰبِ ٱللَّهِ مِنَ ٱلْمُؤْمِنِينَ وَٱلْمُهَٰجِرِينَ إِلَّآ أَن تَفْعَلُوٓا۟ إِلَىٰٓ أَوْلِيَآئِكُم مَّعْرُوفًا كَانَ ذَٰلِكَ فِى ٱلْكِتَٰبِ مَسْطُورًا
Alnnabiyyu awla bialmumineena min anfusihim waazwajuhu ommahatuhum waoloo alarhami baAAduhum awla bibaAAdin fee kitabi Allahi mina almumineena waalmuhajireena illa an tafAAaloo ila awliyaikum maAAroofan kana thalika fee alkitabi mastooran
नबी तो मोमिनीन से खुद उनकी जानों से भी बढ़कर हक़ रखते हैं (क्योंकि वह गोया उम्मत के मेहरबान बाप हैं) और उनकी बीवियाँ (गोया) उनकी माएँ हैं और मोमिनीन व मुहाजिरीन में से (जो लोग बाहम) क़राबतदार हैं। किताबें खुदा की रूह से (ग़ैरों की निस्बत) एक दूसरे के (तर्के के) ज्यादा हक़दार हैं मगर (जब) तुम अपने दोस्तों के साथ सुलूक करना चाहो (तो दूसरी बात है) ये तो किताबे (खुदा) में लिखा हुआ (मौजूद) है
وَإِذْ أَخَذْنَا مِنَ ٱلنَّبِيِّۦنَ مِيثَٰقَهُمْ وَمِنكَ وَمِن نُّوحٍ وَإِبْرَٰهِيمَ وَمُوسَىٰ وَعِيسَى ٱبْنِ مَرْيَمَ وَأَخَذْنَا مِنْهُم مِّيثَٰقًا غَلِيظًا
Waith akhathna mina alnnabiyyeena meethaqahum waminka wamin noohin waibraheema wamoosa waAAeesa ibni maryama waakhathna minhum meethaqan ghaleethan
और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब हमने और पैग़म्बरों से और ख़ास तुमसे और नूह और इबराहीम और मूसा और मरियम के बेटे ईसा से एहदो पैमाने लिया और उन लोगों से हमने सख्त एहद लिया था
لِّيَسْـَٔلَ ٱلصَّٰدِقِينَ عَن صِدْقِهِمْ وَأَعَدَّ لِلْكَٰفِرِينَ عَذَابًا أَلِيمًا
Liyasala alssadiqeena AAan sidqihim waaAAadda lilkafireena AAathaban aleeman
ताकि (क़यामत के दिन) सच्चों (पैग़म्बरों) से उनकी सच्चाई तबलीग़े रिसालत का हाल दरियाफ्त करें और काफिरों के वास्ते तो उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार ही कर रखा है।
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ ٱذْكُرُوا۟ نِعْمَةَ ٱللَّهِ عَلَيْكُمْ إِذْ جَآءَتْكُمْ جُنُودٌ فَأَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيحًا وَجُنُودًا لَّمْ تَرَوْهَا وَكَانَ ٱللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرًا
Ya ayyuha allatheena amanoo othkuroo niAAmata Allahi AAalaykum ith jaatkum junoodun faarsalna AAalayhim reehan wajunoodan lam tarawha wakana Allahu bima taAAmaloona baseeran
(ऐ ईमानदारों खुदा की) उन नेअमतों को याद करो जो उसने तुम पर नाज़िल की हैं (जंगे खन्दक में) जब तुम पर (काफिरों का) लशकर (उमड़ के) आ पड़ा तो (हमने तुम्हारी मदद की) उन पर ऑंधी भेजी और (इसके अलावा फरिश्तों का ऐसा लश्कर भेजा) जिसको तुमने देखा तक नहीं और तुम जो कुछ कर रहे थे खुदा उसे खूब देख रहा था
إِذْ جَآءُوكُم مِّن فَوْقِكُمْ وَمِنْ أَسْفَلَ مِنكُمْ وَإِذْ زَاغَتِ ٱلْأَبْصَٰرُ وَبَلَغَتِ ٱلْقُلُوبُ ٱلْحَنَاجِرَ وَتَظُنُّونَ بِٱللَّهِ ٱلظُّنُونَا۠
Ith jaookum min fawqikum wamin asfala minkum waith zaghati alabsaru wabalaghati alquloobu alhanajira watathunnoona biAllahi alththunoona
जिस वक्त वह लोग तुम पर तुम्हारे ऊपर से आ पड़े और तुम्हारे नीचे की तरफ से भी पिल गए और जिस वक्त (उनकी कसरत से) तुम्हारी ऑंखें ख़ैरा हो गयीं थी और (ख़ौफ से) कलेजे मुँह को आ गए थे और ख़ुदा पर तरह-तरह के (बुरे) ख्याल करने लगे थे।
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