Read Surah Maidahwith translation
وَإِذَا سَمِعُوا۟ مَآ أُنزِلَ إِلَى ٱلرَّسُولِ تَرَىٰٓ أَعْيُنَهُمْ تَفِيضُ مِنَ ٱلدَّمْعِ مِمَّا عَرَفُوا۟ مِنَ ٱلْحَقِّ يَقُولُونَ رَبَّنَآ ءَامَنَّا فَٱكْتُبْنَا مَعَ ٱلشَّٰهِدِينَ
Waitha samiAAoo ma onzila ila alrrasooli tara aAAyunahum tafeedu mina alddamAAi mimma AAarafoo mina alhaqqi yaqooloona rabbana amanna faoktubna maAAa alshshahideena
और तू देखता है कि जब यह लोग (इस कुरान) को सुनते हैं जो हमारे रसूल पर नाज़िल किया गया है तो उनकी ऑंखों से बेसाख्ता (छलक कर) ऑंसू जारी हो जातें है क्योंकि उन्होंने (अम्र) हक़ को पहचान लिया है (और) अर्ज़ करते हैं कि ऐ मेरे पालने वाले हम तो ईमान ला चुके तो (रसूल की) तसदीक़ करने वालों के साथ हमें भी लिख रख
وَمَا لَنَا لَا نُؤْمِنُ بِٱللَّهِ وَمَا جَآءَنَا مِنَ ٱلْحَقِّ وَنَطْمَعُ أَن يُدْخِلَنَا رَبُّنَا مَعَ ٱلْقَوْمِ ٱلصَّٰلِحِينَ
Wama lana la numinu biAllahi wama jaana mina alhaqqi wanatmaAAu an yudkhilana rabbuna maAAa alqawmi alssaliheena
और हमको क्या हो गया है कि हम ख़ुदा और जो हक़ बात हमारे पास आ चुकी है उस पर तो ईमान न लाएँ और (फिर) ख़ुदा से उम्मीद रखें कि वह अपने नेक बन्दों के साथ हमें (बेहिश्त में) पहुँचा ही देगा
فَأَثَٰبَهُمُ ٱللَّهُ بِمَا قَالُوا۟ جَنَّٰتٍ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَٰرُ خَٰلِدِينَ فِيهَا وَذَٰلِكَ جَزَآءُ ٱلْمُحْسِنِينَ
Faathabahumu Allahu bima qaloo jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wathalika jazao almuhsineena
तो ख़ुदा ने उन्हें उनके (सदक़ दिल से) अर्ज़ करने के सिले में उन्हें वह (हरे भरे) बाग़ात अता फरमाए जिनके (दरख्तों के) नीचे नहरें जारी हैं (और) वह उसमें हमेशा रहेंगे और (सदक़ दिल से) नेकी करने वालों का यही ऐवज़ है
وَٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ وَكَذَّبُوا۟ بِـَٔايَٰتِنَآ أُو۟لَٰٓئِكَ أَصْحَٰبُ ٱلْجَحِيمِ
Waallatheena kafaroo wakaththaboo biayatina olaika ashabu aljaheemi
और जिन लोगों ने कुफ्र एख्तेयार किया और हमारी आयतों को झुठलाया यही लोग जहन्नुमी हैं
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تُحَرِّمُوا۟ طَيِّبَٰتِ مَآ أَحَلَّ ٱللَّهُ لَكُمْ وَلَا تَعْتَدُوٓا۟ إِنَّ ٱللَّهَ لَا يُحِبُّ ٱلْمُعْتَدِينَ
Ya ayyuha allatheena amanoo la tuharrimoo tayyibati ma ahalla Allahu lakum wala taAAtadoo inna Allaha la yuhibbu almuAAtadeena
ऐ ईमानदार जो पाक चीज़े ख़ुदा ने तुम्हारे वास्ते हलाल कर दी हैं उनको अपने ऊपर हराम न करो और हद से न बढ़ो क्यों कि ख़ुदा हद से बढ़ जाने वालों को हरगिज़ दोस्त नहीं रखता
وَكُلُوا۟ مِمَّا رَزَقَكُمُ ٱللَّهُ حَلَٰلًا طَيِّبًا وَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ ٱلَّذِىٓ أَنتُم بِهِۦ مُؤْمِنُونَ
Wakuloo mimma razaqakumu Allahu halalan tayyiban waittaqoo Allaha allathee antum bihi muminoona
और जो हलाल साफ सुथरी चीज़ें ख़ुदा ने तुम्हें दी हैं उनको (शौक़ से) खाओ और जिस ख़ुदा पर तुम ईमान लाए हो उससे डरते रहो
لَا يُؤَاخِذُكُمُ ٱللَّهُ بِٱللَّغْوِ فِىٓ أَيْمَٰنِكُمْ وَلَٰكِن يُؤَاخِذُكُم بِمَا عَقَّدتُّمُ ٱلْأَيْمَٰنَ فَكَفَّٰرَتُهُۥٓ إِطْعَامُ عَشَرَةِ مَسَٰكِينَ مِنْ أَوْسَطِ مَا تُطْعِمُونَ أَهْلِيكُمْ أَوْ كِسْوَتُهُمْ أَوْ تَحْرِيرُ رَقَبَةٍ فَمَن لَّمْ يَجِدْ فَصِيَامُ ثَلَٰثَةِ أَيَّامٍ ذَٰلِكَ كَفَّٰرَةُ أَيْمَٰنِكُمْ إِذَا حَلَفْتُمْ وَٱحْفَظُوٓا۟ أَيْمَٰنَكُمْ كَذَٰلِكَ يُبَيِّنُ ٱللَّهُ لَكُمْ ءَايَٰتِهِۦ لَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ
La yuakhithukumu Allahu biallaghwi fee aymanikum walakin yuakhithukum bima AAaqqadtumu alaymana fakaffaratuhu itAAamu AAasharati masakeena min awsati ma tutAAimoona ahleekum aw kiswatuhum aw tahreeru raqabatin faman lam yajid fasiyamu thalathati ayyamin thalika kaffaratu aymanikum itha halaftum waihfathoo aymanakum kathalika yubayyinu Allahu lakum ayatihi laAAallakum tashkuroona
ख़ुदा तुम्हारे बेकार (बेकार) क़समों (के खाने) पर तो ख़ैर गिरफ्तार न करेगा मगर बाक़सद (सच्ची) पक्की क़सम खाने और उसके ख़िलाफ करने पर तो ज़रुर तुम्हारी ले दे करेगा (लो सुनो) उसका जुर्माना जैसा तुम ख़ुद अपने एहलोअयाल को खिलाते हो उसी क़िस्म का औसत दर्जे का दस मोहताजों को खाना खिलाना या उनको कपड़े पहनाना या एक गुलाम आज़ाद करना है फिर जिससे यह सब न हो सके तो मैं तीन दिन के रोज़े (रखना) ये (तो) तुम्हारी क़समों का जुर्माना है जब तुम क़सम खाओ (और पूरी न करो) और अपनी क़समों (के पूरा न करने) का ख्याल रखो ख़ुदा अपने एहकाम को तुम्हारे वास्ते यूँ साफ़ साफ़ बयान करता है ताकि तुम शुक्र करो
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِنَّمَا ٱلْخَمْرُ وَٱلْمَيْسِرُ وَٱلْأَنصَابُ وَٱلْأَزْلَٰمُ رِجْسٌ مِّنْ عَمَلِ ٱلشَّيْطَٰنِ فَٱجْتَنِبُوهُ لَعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ
Ya ayyuha allatheena amanoo innama alkhamru waalmaysiru waalansabu waalazlamu rijsun min AAamali alshshaytani faijtaniboohu laAAallakum tuflihoona
ऐ ईमानदारों शराब, जुआ और बुत और पाँसे तो बस नापाक (बुरे) शैतानी काम हैं तो तुम लोग इससे बचे रहो ताकि तुम फलाह पाओ
إِنَّمَا يُرِيدُ ٱلشَّيْطَٰنُ أَن يُوقِعَ بَيْنَكُمُ ٱلْعَدَٰوَةَ وَٱلْبَغْضَآءَ فِى ٱلْخَمْرِ وَٱلْمَيْسِرِ وَيَصُدَّكُمْ عَن ذِكْرِ ٱللَّهِ وَعَنِ ٱلصَّلَوٰةِ فَهَلْ أَنتُم مُّنتَهُونَ
Innama yureedu alshshaytanu an yooqiAAa baynakumu alAAadawata waalbaghdaa fee alkhamri waalmaysiri wayasuddakum AAan thikri Allahi waAAani alssalati fahal antum muntahoona
शैतान की तो बस यही तमन्ना है कि शराब और जुए की बदौलत तुममें बाहम अदावत व दुशमनी डलवा दे और ख़ुदा की याद और नमाज़ से बाज़ रखे तो क्या तुम उससे बाज़ आने वाले हो
وَأَطِيعُوا۟ ٱللَّهَ وَأَطِيعُوا۟ ٱلرَّسُولَ وَٱحْذَرُوا۟ فَإِن تَوَلَّيْتُمْ فَٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّمَا عَلَىٰ رَسُولِنَا ٱلْبَلَٰغُ ٱلْمُبِينُ
WaateeAAoo Allaha waateeAAoo alrrasoola waihtharoo fain tawallaytum faiAAlamoo annama AAala rasoolina albalaghu almubeenu
और ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल का हुक्म मानों और (नाफ़रमानी) से बचे रहो इस पर भी अगर तुमने (हुक्म ख़ुदा से) मुँह फेरा तो समझ रखो कि हमारे रसूल पर बस साफ़ साफ़ पैग़ाम पहुँचा देना फर्ज है
IslamicFinder brings Al Quran to you making the Holy Quran recitation a whole lot easier. With our Al Quran explorer feature, just with a tap, you can select the Surah you want to recite or listen Quran mp3 audio! Offering your Holy Quran Translation and Quran Transliteration in English and several other languages, Quran recitation has never been easier. Happy reading!
Contact Us
Thanks for reaching out.
We'll get back to you soon.