Read Surah Anfalwith translation
وَٱعْلَمُوٓا۟ أَنَّمَا غَنِمْتُم مِّن شَىْءٍ فَأَنَّ لِلَّهِ خُمُسَهُۥ وَلِلرَّسُولِ وَلِذِى ٱلْقُرْبَىٰ وَٱلْيَتَٰمَىٰ وَٱلْمَسَٰكِينِ وَٱبْنِ ٱلسَّبِيلِ إِن كُنتُمْ ءَامَنتُم بِٱللَّهِ وَمَآ أَنزَلْنَا عَلَىٰ عَبْدِنَا يَوْمَ ٱلْفُرْقَانِ يَوْمَ ٱلْتَقَى ٱلْجَمْعَانِ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ
WaiAAlamoo annama ghanimtum min shayin faanna lillahi khumusahu walilrrasooli walithee alqurba waalyatama waalmasakeeni waibni alssabeeli in kuntum amantum biAllahi wama anzalna AAala AAabdina yawma alfurqani yawma iltaqa aljamAAani waAllahu AAala kulli shayin qadeerun
और जान लो कि जो कुछ तुम (माल लड़कर) लूटो तो उनमें का पॉचवॉ हिस्सा मख़सूस ख़ुदा और रसूल और (रसूल के) क़राबतदारों और यतीमों और मिस्कीनों और परदेसियों का है अगर तुम ख़ुदा पर और उस (ग़ैबी इमदाद) पर ईमान ला चुके हो जो हमने ख़ास बन्दे (मोहम्मद) पर फ़ैसले के दिन (जंग बदर में) नाज़िल की थी जिस दिन (मुसलमानों और काफिरों की) दो जमाअतें बाहम गुथ गयी थी और ख़ुदा तो हर चीज़ पर क़ादिर है
إِذْ أَنتُم بِٱلْعُدْوَةِ ٱلدُّنْيَا وَهُم بِٱلْعُدْوَةِ ٱلْقُصْوَىٰ وَٱلرَّكْبُ أَسْفَلَ مِنكُمْ وَلَوْ تَوَاعَدتُّمْ لَٱخْتَلَفْتُمْ فِى ٱلْمِيعَٰدِ وَلَٰكِن لِّيَقْضِىَ ٱللَّهُ أَمْرًا كَانَ مَفْعُولًا لِّيَهْلِكَ مَنْ هَلَكَ عَنۢ بَيِّنَةٍ وَيَحْيَىٰ مَنْ حَىَّ عَنۢ بَيِّنَةٍ وَإِنَّ ٱللَّهَ لَسَمِيعٌ عَلِيمٌ
Ith antum bialAAudwati alddunya wahum bialAAudwati alquswa waalrrakbu asfala minkum walaw tawaAAadtum laikhtalaftum fee almeeAAadi walakin liyaqdiya Allahu amran kana mafAAoolan liyahlika man halaka AAan bayyinatin wayahya man hayya AAan bayyinatin wainna Allaha lasameeAAun AAaleemun
(ये वह वक्त था) जब तुम (मैदाने जंग में मदीने के) क़रीब नाके पर थे और वह कुफ्फ़ार बईद (दूर के) के नाके पर और (काफ़िले के) सवार तुम से नशेब में थे और अगर तुम एक दूसरे से (वक्त क़ी तक़रीर का) वायदा कर लेते हो तो और वक्त पर गड़बड़ कर देते मगर (ख़ुदा ने अचानक तुम लोगों को इकट्ठा कर दिया ताकि जो बात यदनी (होनी) थी वह पूरी कर दिखाए ताकि जो शख़्स हलाक (गुमराह) हो वह (हक़ की) हुज्जत तमाम होने के बाद हलाक हो और जो ज़िन्दा रहे वह हिदायत की हुज्जत तमाम होने के बाद ज़िन्दा रहे और ख़ुदा यक़ीनी सुनने वाला ख़बरदार है
إِذْ يُرِيكَهُمُ ٱللَّهُ فِى مَنَامِكَ قَلِيلًا وَلَوْ أَرَىٰكَهُمْ كَثِيرًا لَّفَشِلْتُمْ وَلَتَنَٰزَعْتُمْ فِى ٱلْأَمْرِ وَلَٰكِنَّ ٱللَّهَ سَلَّمَ إِنَّهُۥ عَلِيمٌۢ بِذَاتِ ٱلصُّدُورِ
Ith yureekahumu Allahu fee manamika qaleelan walaw arakahum katheeran lafashiltum walatanazaAAtum fee alamri walakinna Allaha sallama innahu AAaleemun bithati alssudoori
(ये वह वक्त था) जब ख़ुदा ने तुम्हें ख्वाब में कुफ्फ़ार को कम करके दिखलाया था और अगर उनको तुम्हें ज्यादा करते दिखलाता तुम यक़ीनन हिम्मत हार देते और लड़ाई के बारे में झगड़ने लगते मगर ख़ुदा ने इसे (बदनामी) से बचाया इसमें तो शक़ ही नहीं कि वह दिली ख्यालात से वाक़िफ़ है
وَإِذْ يُرِيكُمُوهُمْ إِذِ ٱلْتَقَيْتُمْ فِىٓ أَعْيُنِكُمْ قَلِيلًا وَيُقَلِّلُكُمْ فِىٓ أَعْيُنِهِمْ لِيَقْضِىَ ٱللَّهُ أَمْرًا كَانَ مَفْعُولًا وَإِلَى ٱللَّهِ تُرْجَعُ ٱلْأُمُورُ
Waith yureekumoohum ithi iltaqaytum fee aAAyunikum qaleelan wayuqallilukum fee aAAyunihim liyaqdiya Allahu amran kana mafAAoolan waila Allahi turjaAAu alomooru
(ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों में कुफ्फ़ार को बहुत कम करके दिखलाया और उनकी ऑखों में तुमको थोड़ा कर दिया ताकि ख़ुदा को जो कुछ करना मंज़ूर था वह पूरा हो जाए और कुल बातों का दारोमदार तो ख़ुदा ही पर है
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِذَا لَقِيتُمْ فِئَةً فَٱثْبُتُوا۟ وَٱذْكُرُوا۟ ٱللَّهَ كَثِيرًا لَّعَلَّكُمْ تُفْلِحُونَ
Ya ayyuha allatheena amanoo itha laqeetum fiatan faothbutoo waothkuroo Allaha katheeran laAAallakum tuflihoona
ऐ ईमानदारों जब तुम किसी फौज से मुठभेड़ करो तो ख़बरदार अपने क़दम जमाए रहो और ख़ुदा को बहुंत याद करते रहो ताकि तुम फलाह पाओ
وَأَطِيعُوا۟ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥ وَلَا تَنَٰزَعُوا۟ فَتَفْشَلُوا۟ وَتَذْهَبَ رِيحُكُمْ وَٱصْبِرُوٓا۟ إِنَّ ٱللَّهَ مَعَ ٱلصَّٰبِرِينَ
WaateeAAoo Allaha warasoolahu wala tanazaAAoo fatafshaloo watathhaba reehukum waisbiroo inna Allaha maAAa alssabireena
और ख़ुदा की और उसके रसूल की इताअत करो और आपस में झगड़ा न करो वरना तुम हिम्मत हारोगे और तुम्हारी हवा उखड़ जाएगी और (जंग की तकलीफ़ को) झेल जाओ (क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन सब्र करने वालों का साथी है
وَلَا تَكُونُوا۟ كَٱلَّذِينَ خَرَجُوا۟ مِن دِيَٰرِهِم بَطَرًا وَرِئَآءَ ٱلنَّاسِ وَيَصُدُّونَ عَن سَبِيلِ ٱللَّهِ وَٱللَّهُ بِمَا يَعْمَلُونَ مُحِيطٌ
Wala takoonoo kaallatheena kharajoo min diyarihim bataran wariaa alnnasi wayasuddoona AAan sabeeli Allahi waAllahu bima yaAAmaloona muheetun
और उन लोगों के ऐसे न हो जाओ जो इतराते हुए और लोगों के दिखलाने के वास्ते अपने घरों से निकल खड़े हुए और लोगों को ख़ुदा की राह से रोकते हैं और जो कुछ भी वह लोग करते हैं ख़ुदा उस पर (हर तरह से) अहाता किए हुए है
وَإِذْ زَيَّنَ لَهُمُ ٱلشَّيْطَٰنُ أَعْمَٰلَهُمْ وَقَالَ لَا غَالِبَ لَكُمُ ٱلْيَوْمَ مِنَ ٱلنَّاسِ وَإِنِّى جَارٌ لَّكُمْ فَلَمَّا تَرَآءَتِ ٱلْفِئَتَانِ نَكَصَ عَلَىٰ عَقِبَيْهِ وَقَالَ إِنِّى بَرِىٓءٌ مِّنكُمْ إِنِّىٓ أَرَىٰ مَا لَا تَرَوْنَ إِنِّىٓ أَخَافُ ٱللَّهَ وَٱللَّهُ شَدِيدُ ٱلْعِقَابِ
Waith zayyana lahumu alshshaytanu aAAmalahum waqala la ghaliba lakumu alyawma mina alnnasi wainnee jarun lakum falamma taraati alfiatani nakasa AAala AAaqibayhi waqala innee bareeon minkum innee ara ma la tarawna innee akhafu Allaha waAllahu shadeedu alAAiqabi
और जब शैतान ने उनकी कारस्तानियों को उम्दा कर दिखाया और उनके कान में फूंक दिया कि लोगों में आज कोई ऐसा नहीं जो तुम पर ग़ालिब आ सके और मै तुम्हारा मददगार हूं फिर जब दोनों लश्कर मुकाबिल हुए तो अपने उलटे पॉव भाग निकला और कहने लगा कि मै तो तुम से अलग हूं मै वह चीजें देख रहा हूं जो तुम्हें नहीं सूझती मैं तो ख़ुदा से डरता हूं और ख़ुदा बहुत सख्त अज़ाब वाला है
إِذْ يَقُولُ ٱلْمُنَٰفِقُونَ وَٱلَّذِينَ فِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌ غَرَّ هَٰٓؤُلَآءِ دِينُهُمْ وَمَن يَتَوَكَّلْ عَلَى ٱللَّهِ فَإِنَّ ٱللَّهَ عَزِيزٌ حَكِيمٌ
Ith yaqoolu almunafiqoona waallatheena fee quloobihim maradun gharra haolai deenuhum waman yatawakkal AAala Allahi fainna Allaha AAazeezun hakeemun
(ये वक्त था) जब मुनाफिक़ीन और जिन लोगों के दिल में (कुफ्र का) मर्ज़ है कह रहे थे कि उन मुसलमानों को उनके दीन ने धोके में डाल रखा है (कि इतराते फिरते हैं हालॉकि जो शख़्स ख़ुदा पर भरोसा करता है (वह ग़ालिब रहता है क्योंकि) ख़ुदा तो यक़ीनन ग़ालिब और हिकमत वाला है
وَلَوْ تَرَىٰٓ إِذْ يَتَوَفَّى ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ ٱلْمَلَٰٓئِكَةُ يَضْرِبُونَ وُجُوهَهُمْ وَأَدْبَٰرَهُمْ وَذُوقُوا۟ عَذَابَ ٱلْحَرِيقِ
Walaw tara ith yatawaffa allatheena kafaroo almalaikatu yadriboona wujoohahum waadbarahum wathooqoo AAathaba alhareeqi
और काश (ऐ रसूल) तुम देखते जब फ़रिश्ते काफ़िरों की जान निकाल लेते थे और रूख़ और पुश्त (पीठ) पर कोड़े मारते थे और (कहते थे कि) अज़ाब जहन्नुम के मज़े चखों
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