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Baca Surah Mujadiladengan terjemahan

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قَدْ سَمِعَ ٱللَّهُ قَوْلَ ٱلَّتِى تُجَٰدِلُكَ فِى زَوْجِهَا وَتَشْتَكِىٓ إِلَى ٱللَّهِ وَٱللَّهُ يَسْمَعُ تَحَاوُرَكُمَآ إِنَّ ٱللَّهَ سَمِيعٌۢ بَصِيرٌ

Qad samiAAa Allahu qawla allatee tujadiluka fee zawjiha watashtakee ila Allahi waAllahu yasmaAAu tahawurakuma inna Allaha sameeAAun baseerun

ऐ रसूल जो औरत (ख़ुला) तुमसे अपने शौहर (उस) के बारे में तुमसे झगड़ती और ख़ुदा से गिले शिकवे करती है ख़ुदा ने उसकी बात सुन ली और ख़ुदा तुम दोनों की ग़ुफ्तगू सुन रहा है बेशक ख़ुदा बड़ा सुनने वाला देखने वाला है

ٱلَّذِينَ يُظَٰهِرُونَ مِنكُم مِّن نِّسَآئِهِم مَّا هُنَّ أُمَّهَٰتِهِمْ إِنْ أُمَّهَٰتُهُمْ إِلَّا ٱلَّٰٓـِٔى وَلَدْنَهُمْ وَإِنَّهُمْ لَيَقُولُونَ مُنكَرًا مِّنَ ٱلْقَوْلِ وَزُورًا وَإِنَّ ٱللَّهَ لَعَفُوٌّ غَفُورٌ

Allatheena yuthahiroona minkum min nisaihim ma hunna ommahatihim in ommahatuhum illa allaee waladnahum wainnahum layaqooloona munkaran mina alqawli wazooran wainna Allaha laAAafuwwun ghafoorun

तुम में से जो लोग अपनी बीवियों के साथ ज़हार करते हैं अपनी बीवी को माँ कहते हैं वह कुछ उनकी माएँ नहीं (हो जातीं) उनकी माएँ तो बस वही हैं जो उनको जनती हैं और वह बेशक एक नामाक़ूल और झूठी बात कहते हैं और ख़ुदा बेशक माफ करने वाला और बड़ा बख्शने वाला है

وَٱلَّذِينَ يُظَٰهِرُونَ مِن نِّسَآئِهِمْ ثُمَّ يَعُودُونَ لِمَا قَالُوا۟ فَتَحْرِيرُ رَقَبَةٍ مِّن قَبْلِ أَن يَتَمَآسَّا ذَٰلِكُمْ تُوعَظُونَ بِهِۦ وَٱللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ خَبِيرٌ

Waallatheena yuthahiroona min nisaihim thumma yaAAoodoona lima qaloo fatahreeru raqabatin min qabli an yatamassa thalikum tooAAathoona bihi waAllahu bima taAAmaloona khabeerun

और जो लोग अपनी बीवियों से ज़हार कर बैठे फिर अपनी बात वापस लें तो दोनों के हमबिस्तर होने से पहले (कफ्फ़ारे में) एक ग़ुलाम का आज़ाद करना (ज़रूरी) है उसकी तुमको नसीहत की जाती है और तुम जो कुछ भी करते हो (ख़ुदा) उससे आगाह है

فَمَن لَّمْ يَجِدْ فَصِيَامُ شَهْرَيْنِ مُتَتَابِعَيْنِ مِن قَبْلِ أَن يَتَمَآسَّا فَمَن لَّمْ يَسْتَطِعْ فَإِطْعَامُ سِتِّينَ مِسْكِينًا ذَٰلِكَ لِتُؤْمِنُوا۟ بِٱللَّهِ وَرَسُولِهِۦ وَتِلْكَ حُدُودُ ٱللَّهِ وَلِلْكَٰفِرِينَ عَذَابٌ أَلِيمٌ

Faman lam yajid fasiyamu shahrayni mutatabiAAayni min qabli an yatamassa faman lam yastatiAA faitAAamu sitteena miskeenan thalika lituminoo biAllahi warasoolihi watilka hudoodu Allahi walilkafireena AAathabun aleemun

फिर जिसको ग़ुलाम न मिले तो दोनों की मुक़ारबत के क़ब्ल दो महीने के पै दर पै रोज़े रखें और जिसको इसकी भी क़ुदरत न हो साठ मोहताजों को खाना खिलाना फर्ज़ है ये (हुक्म इसलिए है) ताकि तुम ख़ुदा और उसके रसूल की (पैरवी) तसदीक़ करो और ये ख़ुदा की मुक़र्रर हदें हैं और काफ़िरों के लिए दर्दनाक अज़ाब है

إِنَّ ٱلَّذِينَ يُحَآدُّونَ ٱللَّهَ وَرَسُولَهُۥ كُبِتُوا۟ كَمَا كُبِتَ ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِهِمْ وَقَدْ أَنزَلْنَآ ءَايَٰتٍۭ بَيِّنَٰتٍ وَلِلْكَٰفِرِينَ عَذَابٌ مُّهِينٌ

Inna allatheena yuhaddoona Allaha warasoolahu kubitoo kama kubita allatheena min qablihim waqad anzalna ayatin bayyinatin walilkafireena AAathabun muheenun

बेशक जो लोग ख़ुदा की और उसके रसूल की मुख़ालेफ़त करते हैं वह (उसी तरह) ज़लील किए जाएँगे जिस तरह उनके पहले लोग किए जा चुके हैं और हम तो अपनी साफ़ और सरीही आयतें नाज़िल कर चुके और काफिरों के लिए ज़लील करने वाला अज़ाब है

يَوْمَ يَبْعَثُهُمُ ٱللَّهُ جَمِيعًا فَيُنَبِّئُهُم بِمَا عَمِلُوٓا۟ أَحْصَىٰهُ ٱللَّهُ وَنَسُوهُ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ شَهِيدٌ

Yawma yabAAathuhumu Allahu jameeAAan fayunabbiohum bima AAamiloo ahsahu Allahu wanasoohu waAllahu AAala kulli shayin shaheedun

जिस दिन ख़ुदा उन सबको दोबारा उठाएगा तो उनके आमाल से उनको आगाह कर देगा ये लोग (अगरचे) उनको भूल गये हैं मगर ख़ुदा ने उनको याद रखा है और ख़ुदा तो हर चीज़ का गवाह है

أَلَمْ تَرَ أَنَّ ٱللَّهَ يَعْلَمُ مَا فِى ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِى ٱلْأَرْضِ مَا يَكُونُ مِن نَّجْوَىٰ ثَلَٰثَةٍ إِلَّا هُوَ رَابِعُهُمْ وَلَا خَمْسَةٍ إِلَّا هُوَ سَادِسُهُمْ وَلَآ أَدْنَىٰ مِن ذَٰلِكَ وَلَآ أَكْثَرَ إِلَّا هُوَ مَعَهُمْ أَيْنَ مَا كَانُوا۟ ثُمَّ يُنَبِّئُهُم بِمَا عَمِلُوا۟ يَوْمَ ٱلْقِيَٰمَةِ إِنَّ ٱللَّهَ بِكُلِّ شَىْءٍ عَلِيمٌ

Alam tara anna Allaha yaAAlamu ma fee alssamawati wama fee alardi ma yakoonu min najwa thalathatin illa huwa rabiAAuhum wala khamsatin illa huwa sadisuhum wala adna min thalika wala akthara illa huwa maAAahum ayna ma kanoo thumma yunabbiohum bima AAamiloo yawma alqiyamati inna Allaha bikulli shayin AAaleemun

क्या तुमको मालूम नहीं कि जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा जानता है जब तीन (आदमियों) का ख़ुफिया मशवेरा होता है तो वह (ख़ुद) उनका ज़रूर चौथा है और जब पाँच का मशवेरा होता है तो वह उनका छठा है और उससे कम हो या ज्यादा और चाहे जहाँ कहीं हो वह उनके साथ ज़रूर होता है फिर जो कुछ वह (दुनिया में) करते रहे क़यामत के दिन उनको उससे आगाह कर देगा बेशक ख़ुदा हर चीज़ से ख़ूब वाक़िफ़ है

أَلَمْ تَرَ إِلَى ٱلَّذِينَ نُهُوا۟ عَنِ ٱلنَّجْوَىٰ ثُمَّ يَعُودُونَ لِمَا نُهُوا۟ عَنْهُ وَيَتَنَٰجَوْنَ بِٱلْإِثْمِ وَٱلْعُدْوَٰنِ وَمَعْصِيَتِ ٱلرَّسُولِ وَإِذَا جَآءُوكَ حَيَّوْكَ بِمَا لَمْ يُحَيِّكَ بِهِ ٱللَّهُ وَيَقُولُونَ فِىٓ أَنفُسِهِمْ لَوْلَا يُعَذِّبُنَا ٱللَّهُ بِمَا نَقُولُ حَسْبُهُمْ جَهَنَّمُ يَصْلَوْنَهَا فَبِئْسَ ٱلْمَصِيرُ

Alam tara ila allatheena nuhoo AAani alnnajwa thumma yaAAoodoona lima nuhoo AAanhu wayatanajawna bialithmi waalAAudwani wamaAAsiyati alrrasooli waitha jaooka hayyawka bima lam yuhayyika bihi Allahu wayaqooloona fee anfusihim lawla yuAAaththibuna Allahu bima naqoolu hasbuhum jahannamu yaslawnaha fabisa almaseeru

क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिनको सरगोशियाँ करने से मना किया गया ग़रज़ जिस काम की उनको मुमानिअत की गयी थी उसी को फिर करते हैं और (लुत्फ़ तो ये है कि) गुनाह और (बेजा) ज्यादती और रसूल की नाफरमानी की सरगोशियाँ करते हैं और जब तुम्हारे पास आते हैं तो जिन लफ्ज़ों से ख़ुदा ने भी तुम को सलाम नहीं किया उन लफ्ज़ों से सलाम करते हैं और अपने जी में कहते हैं कि (अगर ये वाक़ई पैग़म्बर हैं तो) जो कुछ हम कहते हैं ख़ुदा हमें उसकी सज़ा क्यों नहीं देता (ऐ रसूल) उनको दोज़ख़ ही (की सज़ा) काफी है जिसमें ये दाख़िल होंगे तो वह (क्या) बुरी जगह है

يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِذَا تَنَٰجَيْتُمْ فَلَا تَتَنَٰجَوْا۟ بِٱلْإِثْمِ وَٱلْعُدْوَٰنِ وَمَعْصِيَتِ ٱلرَّسُولِ وَتَنَٰجَوْا۟ بِٱلْبِرِّ وَٱلتَّقْوَىٰ وَٱتَّقُوا۟ ٱللَّهَ ٱلَّذِىٓ إِلَيْهِ تُحْشَرُونَ

Ya ayyuha allatheena amanoo itha tanajaytum fala tatanajaw bialithmi waalAAudwani wamaAAsiyati alrrasooli watanajaw bialbirri waalttaqwa waittaqoo Allaha allathee ilayhi tuhsharoona

ऐ ईमानदारों जब तुम आपस में सरगोशी करो तो गुनाह और ज्यादती और रसूल की नाफरमानी की सरगोशी न करो बल्कि नेकीकारी और परहेज़गारी की सरगोशी करो और ख़ुदा से डरते रहो जिसके सामने (एक दिन) जमा किए जाओगे

إِنَّمَا ٱلنَّجْوَىٰ مِنَ ٱلشَّيْطَٰنِ لِيَحْزُنَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَلَيْسَ بِضَآرِّهِمْ شَيْـًٔا إِلَّا بِإِذْنِ ٱللَّهِ وَعَلَى ٱللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ ٱلْمُؤْمِنُونَ

Innama alnnajwa mina alshshaytani liyahzuna allatheena amanoo walaysa bidarrihim shayan illa biithni Allahi waAAala Allahi falyatawakkali almuminoona

(बरी बातों की) सरगोशी तो बस एक शैतानी काम है (और इसलिए करते हैं) ताकि ईमानदारों को उससे रंज पहुँचे हालॉकि ख़ुदा की तरफ से आज़ादी दिए बग़ैर सरगोशी उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकती और मोमिनीन को तो ख़ुदा ही पर भरोसा रखना चाहिए

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