ذَٰلِكَ ٱلْكِتَٰبُ لَا رَيْبَ فِيهِ هُدًى لِّلْمُتَّقِينَ
Thalika alkitabu la rayba feehi hudan lilmuttaqeena
(ये) वह किताब है। जिस (के किताबे खुदा होने) में कुछ भी शक नहीं (ये) परहेज़गारों की रहनुमा है
ٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِٱلْغَيْبِ وَيُقِيمُونَ ٱلصَّلَوٰةَ وَمِمَّا رَزَقْنَٰهُمْ يُنفِقُونَ
Allatheena yuminoona bialghaybi wayuqeemoona alssalata wamimma razaqnahum yunfiqoona
जो ग़ैब पर ईमान लाते हैं और (पाबन्दी से) नमाज़ अदा करते हैं और जो कुछ हमने उनको दिया है उसमें से (राहे खुदा में) ख़र्च करते हैं
وَٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيْكَ وَمَآ أُنزِلَ مِن قَبْلِكَ وَبِٱلْءَاخِرَةِ هُمْ يُوقِنُونَ
Waallatheena yuminoona bima onzila ilayka wama onzila min qablika wabialakhirati hum yooqinoona
और जो कुछ तुम पर (ऐ रसूल) और तुम से पहले नाज़िल किया गया है उस पर ईमान लाते हैं और वही आख़िरत का यक़ीन भी रखते हैं
أُو۟لَٰٓئِكَ عَلَىٰ هُدًى مِّن رَّبِّهِمْ وَأُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلْمُفْلِحُونَ
Olaika AAala hudan min rabbihim waolaika humu almuflihoona
यही लोग अपने परवरदिगार की हिदायत पर (आमिल) हैं और यही लोग अपनी दिली मुरादें पाएँगे
إِنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ سَوَآءٌ عَلَيْهِمْ ءَأَنذَرْتَهُمْ أَمْ لَمْ تُنذِرْهُمْ لَا يُؤْمِنُونَ
Inna allatheena kafaroo sawaon AAalayhim aanthartahum am lam tunthirhum la yuminoona
बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख़तेयार किया उनके लिए बराबर है (ऐ रसूल) ख्वाह (चाहे) तुम उन्हें डराओ या न डराओ वह ईमान न लाएँगे
خَتَمَ ٱللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِهِمْ وَعَلَىٰ سَمْعِهِمْ وَعَلَىٰٓ أَبْصَٰرِهِمْ غِشَٰوَةٌ وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ
Khatama Allahu AAala quloobihim waAAala samAAihim waAAala absarihim ghishawatun walahum AAathabun AAatheemun
उनके दिलों पर और उनके कानों पर (नज़र करके) खुदा ने तसदीक़ कर दी है (कि ये ईमान न लाएँगे) और उनकी ऑंखों पर परदा (पड़ा हुआ) है और उन्हीं के लिए (बहुत) बड़ा अज़ाब है
وَمِنَ ٱلنَّاسِ مَن يَقُولُ ءَامَنَّا بِٱللَّهِ وَبِٱلْيَوْمِ ٱلْءَاخِرِ وَمَا هُم بِمُؤْمِنِينَ
Wamina alnnasi man yaqoolu amanna biAllahi wabialyawmi alakhiri wama hum bimumineena
और बाज़ लोग ऐसे भी हैं जो (ज़बान से तो) कहते हैं कि हम खुदा पर और क़यामत पर ईमान लाए हालाँकि वह दिल से ईमान नहीं लाए
يُخَٰدِعُونَ ٱللَّهَ وَٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَمَا يَخْدَعُونَ إِلَّآ أَنفُسَهُمْ وَمَا يَشْعُرُونَ
YukhadiAAoona Allaha waallatheena amanoo wama yakhdaAAoona illa anfusahum wama yashAAuroona
खुदा को और उन लोगों को जो ईमान लाए धोखा देते हैं हालाँकि वह अपने आपको धोखा देते हैं और कुछ शऊर नहीं रखते हैं
فِى قُلُوبِهِم مَّرَضٌ فَزَادَهُمُ ٱللَّهُ مَرَضًا وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌۢ بِمَا كَانُوا۟ يَكْذِبُونَ
Fee quloobihim maradun fazadahumu Allahu maradan walahum AAathabun aleemun bima kanoo yakthiboona
उनके दिलों में मर्ज़ था ही अब खुदा ने उनके मर्ज़ को और बढ़ा दिया और चूँकि वह लोग झूठ बोला करते थे इसलिए उन पर तकलीफ देह अज़ाब है
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