Oku Surat HijrSure okuma
لَعَمْرُكَ إِنَّهُمْ لَفِى سَكْرَتِهِمْ يَعْمَهُونَ
LaAAamruka innahum lafee sakratihim yaAAmahoona
(इनसे निकाह कर लो) ऐ रसूल तुम्हारी जान की कसम ये लोग (क़ौम लूत) अपनी मस्ती में मदहोश हो रहे थे
فَأَخَذَتْهُمُ ٱلصَّيْحَةُ مُشْرِقِينَ
Faakhathathumu alssayhatu mushriqeena
(लूत की सुनते काहे को) ग़रज़ सूरज निकलते निकलते उनको (बड़े ज़ोरो की) चिघाड़ न ले डाला
فَجَعَلْنَا عَٰلِيَهَا سَافِلَهَا وَأَمْطَرْنَا عَلَيْهِمْ حِجَارَةً مِّن سِجِّيلٍ
FajaAAalna AAaliyaha safilaha waamtarna AAalayhim hijaratan min sijjeelin
फिर हमने उसी बस्ती को उलट कर उसके ऊपर के तबके क़ो नीचे का तबक़ा बना दिया और उसके ऊपर उन पर खरन्जे के पत्थर बरसा दिए इसमें शक़ नहीं कि इसमें (असली बात के) ताड़ जाने वालों के लिए (कुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
إِنَّ فِى ذَٰلِكَ لَءَايَٰتٍ لِّلْمُتَوَسِّمِينَ
Inna fee thalika laayatin lilmutawassimeena
और वह उलटी हुई बस्ती हमेशा (की आमदरफ्त)
إِنَّ فِى ذَٰلِكَ لَءَايَةً لِّلْمُؤْمِنِينَ
Inna fee thalika laayatan lilmumineena
इसमें तो शक हीं नहीं कि इसमें ईमानदारों के वास्ते (कुदरते ख़ुदा की) बहुत बड़ी निशानी है
وَإِن كَانَ أَصْحَٰبُ ٱلْأَيْكَةِ لَظَٰلِمِينَ
Wain kana ashabu alaykati lathalimeena
और एैका के रहने वाले (क़ौमे शुएब की तरह बड़े सरकश थे)
فَٱنتَقَمْنَا مِنْهُمْ وَإِنَّهُمَا لَبِإِمَامٍ مُّبِينٍ
Faintaqamna minhum wainnahuma labiimamin mubeenin
तो उन से भी हमने (नाफरमानी का) बदला लिया और ये दो बस्तियाँ (क़ौमे लूत व शुएब की) एक खुली हुई यह राह पर (अभी तक मौजूद) हैं
وَلَقَدْ كَذَّبَ أَصْحَٰبُ ٱلْحِجْرِ ٱلْمُرْسَلِينَ
Walaqad kaththaba ashabu alhijri almursaleena
और इसी तरह हिज्र के रहने वालों (क़ौम सालेह ने भी) पैग़म्बरों को झुठलाया
وَءَاتَيْنَٰهُمْ ءَايَٰتِنَا فَكَانُوا۟ عَنْهَا مُعْرِضِينَ
Waataynahum ayatina fakanoo AAanha muAArideena
और (बावजूद कि) हमने उन्हें अपनी निशानियाँ दी उस पर भी वह लोग उनसे रद गिरदानी करते रहे
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