Baca Surah Jathiyah dengan HindiTerjemahan oleh Suhel Farooq Khan and Saifur Rahman Nadwi
تَنزِيلُ ٱلْكِتَٰبِ مِنَ ٱللَّهِ ٱلْعَزِيزِ ٱلْحَكِيمِ
Tanzeelu alkitabi mina Allahi alAAazeezi alhakeemi
ये किताब (क़ुरान) ख़ुदा की तरफ से नाज़िल हुईहै जो ग़ालिब और दाना है
إِنَّ فِى ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ لَءَايَٰتٍ لِّلْمُؤْمِنِينَ
Inna fee alssamawati waalardi laayatin lilmumineena
बेशक आसमान और ज़मीन में ईमान वालों के लिए (क़ुदरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं
وَفِى خَلْقِكُمْ وَمَا يَبُثُّ مِن دَآبَّةٍ ءَايَٰتٌ لِّقَوْمٍ يُوقِنُونَ
Wafee khalqikum wama yabuththu min dabbatin ayatun liqawmin yooqinoona
और तुम्हारी पैदाइश में (भी) और जिन जानवरों को वह (ज़मीन पर) फैलाता रहता है (उनमें भी) यक़ीन करने वालों के वास्ते बहुत सी निशानियाँ हैं
وَٱخْتِلَٰفِ ٱلَّيْلِ وَٱلنَّهَارِ وَمَآ أَنزَلَ ٱللَّهُ مِنَ ٱلسَّمَآءِ مِن رِّزْقٍ فَأَحْيَا بِهِ ٱلْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَتَصْرِيفِ ٱلرِّيَٰحِ ءَايَٰتٌ لِّقَوْمٍ يَعْقِلُونَ
Waikhtilafi allayli waalnnahari wama anzala Allahu mina alssamai min rizqin faahya bihi alarda baAAda mawtiha watasreefi alrriyahi ayatun liqawmin yaAAqiloona
और रात दिन के आने जाने में और ख़ुदा ने आसमान से जो (ज़रिया) रिज़क (पानी) नाज़िल फरमाया फिर उससे ज़मीन को उसके मर जाने के बाद ज़िन्दा किया (उसमें) और हवाओं फेर बदल में अक्लमन्द लोगों के लिए बहुत सी निशानियाँ हैं
تِلْكَ ءَايَٰتُ ٱللَّهِ نَتْلُوهَا عَلَيْكَ بِٱلْحَقِّ فَبِأَىِّ حَدِيثٍۭ بَعْدَ ٱللَّهِ وَءَايَٰتِهِۦ يُؤْمِنُونَ
Tilka ayatu Allahi natlooha AAalayka bialhaqqi fabiayyi hadeethin baAAda Allahi waayatihi yuminoona
ये ख़ुदा की आयतें हैं जिनको हम ठीक (ठीक) तुम्हारे सामने पढ़ते हैं तो ख़ुदा और उसकी आयतों के बाद कौन सी बात होगी
وَيْلٌ لِّكُلِّ أَفَّاكٍ أَثِيمٍ
Waylun likulli affakin atheemin
जिस पर ये लोग ईमान लाएंगे हर झूठे गुनाहगार पर अफसोस है
يَسْمَعُ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ تُتْلَىٰ عَلَيْهِ ثُمَّ يُصِرُّ مُسْتَكْبِرًا كَأَن لَّمْ يَسْمَعْهَا فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ أَلِيمٍ
YasmaAAu ayati Allahi tutla AAalayhi thumma yusirru mustakbiran kaan lam yasmaAAha fabashshirhu biAAathabin aleemin
कि ख़ुदा की आयतें उसके सामने पढ़ी जाती हैं और वह सुनता भी है फिर ग़ुरूर से (कुफ़्र पर) अड़ा रहता है गोया उसने उन आयतों को सुना ही नहीं तो (ऐ रसूल) तुम उसे दर्दनाक अज़ाब की ख़ुशख़बरी दे दो
وَإِذَا عَلِمَ مِنْ ءَايَٰتِنَا شَيْـًٔا ٱتَّخَذَهَا هُزُوًا أُو۟لَٰٓئِكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِينٌ
Waitha AAalima min ayatina shayan ittakhathaha huzuwan olaika lahum AAathabun muheenun
और जब हमारी आयतों में से किसी आयत पर वाक़िफ़ हो जाता है तो उसकी हँसी उड़ाता है ऐसे ही लोगों के वास्ते ज़लील करने वाला अज़ाब है
مِّن وَرَآئِهِمْ جَهَنَّمُ وَلَا يُغْنِى عَنْهُم مَّا كَسَبُوا۟ شَيْـًٔا وَلَا مَا ٱتَّخَذُوا۟ مِن دُونِ ٱللَّهِ أَوْلِيَآءَ وَلَهُمْ عَذَابٌ عَظِيمٌ
Min waraihim jahannamu wala yughnee AAanhum ma kasaboo shayan wala ma ittakhathoo min dooni Allahi awliyaa walahum AAathabun AAatheemun
जहन्नुम तो उनके पीछे ही (पीछे) है और जो कुछ वह आमाल करते रहे न तो वही उनके कुछ काम आएँगे और न जिनको उन्होंने ख़ुदा को छोड़कर (अपने) सरपरस्त बनाए थे और उनके लिए बड़ा (सख्त) अज़ाब है
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