Oku Surat Muminun ile Hindiçeviren Suhel Farooq Khan and Saifur Rahman Nadwi
ٱلَّذِينَ هُمْ فِى صَلَاتِهِمْ خَٰشِعُونَ
Allatheena hum fee salatihim khashiAAoona
जो अपनी नमाज़ों में (खुदा के सामने) गिड़गिड़ाते हैं
وَٱلَّذِينَ هُمْ عَنِ ٱللَّغْوِ مُعْرِضُونَ
Waallatheena hum AAani allaghwi muAAridoona
और जो बेहूदा बातों से मुँह फेरे रहते हैं
وَٱلَّذِينَ هُمْ لِلزَّكَوٰةِ فَٰعِلُونَ
Waallatheena hum lilzzakati faAAiloona
और जो ज़कात (अदा) किया करते हैं
وَٱلَّذِينَ هُمْ لِفُرُوجِهِمْ حَٰفِظُونَ
Waallatheena hum lifuroojihim hafithoona
और जो (अपनी) शर्मगाहों को (हराम से) बचाते हैं
إِلَّا عَلَىٰٓ أَزْوَٰجِهِمْ أَوْ مَا مَلَكَتْ أَيْمَٰنُهُمْ فَإِنَّهُمْ غَيْرُ مَلُومِينَ
Illa AAala azwajihim aw ma malakat aymanuhum fainnahum ghayru maloomeena
मगर अपनी बीबियों से या अपनी ज़र ख़रीद लौनडियों से कि उन पर हरगिज़ इल्ज़ाम नहीं हो सकता
فَمَنِ ٱبْتَغَىٰ وَرَآءَ ذَٰلِكَ فَأُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلْعَادُونَ
Famani ibtagha waraa thalika faolaika humu alAAadoona
पस जो शख्स उसके सिवा किसी और तरीके से शहवत परस्ती की तमन्ना करे तो ऐसे ही लोग हद से बढ़ जाने वाले हैं
وَٱلَّذِينَ هُمْ لِأَمَٰنَٰتِهِمْ وَعَهْدِهِمْ رَٰعُونَ
Waallatheena hum liamanatihim waAAahdihim raAAoona
और जो अपनी अमानतों और अपने एहद का लिहाज़ रखते हैं
وَٱلَّذِينَ هُمْ عَلَىٰ صَلَوَٰتِهِمْ يُحَافِظُونَ
Waallatheena hum AAala salawatihim yuhafithoona
और जो अपनी नमाज़ों की पाबन्दी करते हैं
أُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلْوَٰرِثُونَ
Olaika humu alwarithoona
(आदमी की औलाद में) यही लोग सच्चे वारिस है
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