Read Surah Mumtahanawith translation
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ لَا تَتَّخِذُوا۟ عَدُوِّى وَعَدُوَّكُمْ أَوْلِيَآءَ تُلْقُونَ إِلَيْهِم بِٱلْمَوَدَّةِ وَقَدْ كَفَرُوا۟ بِمَا جَآءَكُم مِّنَ ٱلْحَقِّ يُخْرِجُونَ ٱلرَّسُولَ وَإِيَّاكُمْ أَن تُؤْمِنُوا۟ بِٱللَّهِ رَبِّكُمْ إِن كُنتُمْ خَرَجْتُمْ جِهَٰدًا فِى سَبِيلِى وَٱبْتِغَآءَ مَرْضَاتِى تُسِرُّونَ إِلَيْهِم بِٱلْمَوَدَّةِ وَأَنَا۠ أَعْلَمُ بِمَآ أَخْفَيْتُمْ وَمَآ أَعْلَنتُمْ وَمَن يَفْعَلْهُ مِنكُمْ فَقَدْ ضَلَّ سَوَآءَ ٱلسَّبِيلِ
Ya ayyuha allatheena amanoo la tattakhithoo AAaduwwee waAAaduwwakum awliyaa tulqoona ilayhim bialmawaddati waqad kafaroo bima jaakum mina alhaqqi yukhrijoona alrrasoola waiyyakum an tuminoo biAllahi rabbikum in kuntum kharajtum jihadan fee sabeelee waibtighaa mardatee tusirroona ilayhim bialmawaddati waana aAAlamu bima akhfaytum wama aAAlantum waman yafAAalhu minkum faqad dalla sawaa alssabeeli
ऐ ईमानदारों अगर तुम मेरी राह में जेहाद करने और मेरी ख़ुशनूदी की तमन्ना में (घर से) निकलते हो तो मेरे और अपने दुशमनों को दोस्त न बनाओ तुम उनके पास दोस्ती का पैग़ाम भेजते हो और जो दीन हक़ तुम्हारे पास आया है उससे वह लोग इनकार करते हैं वह लोग रसूल को और तुमको इस बात पर (घर से) निकालते हैं कि तुम अपने परवरदिगार ख़ुदा पर ईमान ले आए हो (और) तुम हो कि उनके पास छुप छुप के दोस्ती का पैग़ाम भेजते हो हालॉकि तुम कुछ भी छुपा कर या बिल एलान करते हो मैं उससे ख़ूब वाक़िफ़ हूँ और तुममें से जो शख़्श ऐसा करे तो वह सीधी राह से यक़ीनन भटक गया
إِن يَثْقَفُوكُمْ يَكُونُوا۟ لَكُمْ أَعْدَآءً وَيَبْسُطُوٓا۟ إِلَيْكُمْ أَيْدِيَهُمْ وَأَلْسِنَتَهُم بِٱلسُّوٓءِ وَوَدُّوا۟ لَوْ تَكْفُرُونَ
In yathqafookum yakoonoo lakam aAAdaan wayabsutoo ilaykum aydiyahum waalsinatahum bialssooi wawaddoo law takfuroona
अगर ये लोग तुम पर क़ाबू पा जाएँ तो तुम्हारे दुश्मन हो जाएँ और ईज़ा के लिए तुम्हारी तरफ अपने हाथ भी बढ़ाएँगे और अपनी ज़बाने भी और चाहते हैं कि काश तुम भी काफिर हो जाओ
لَن تَنفَعَكُمْ أَرْحَامُكُمْ وَلَآ أَوْلَٰدُكُمْ يَوْمَ ٱلْقِيَٰمَةِ يَفْصِلُ بَيْنَكُمْ وَٱللَّهُ بِمَا تَعْمَلُونَ بَصِيرٌ
Lan tanfaAAakum arhamukum wala awladukum yawma alqiyamati yafsilu baynakum waAllahu bima taAAmaloona baseerun
क़यामत के दिन न तुम्हारे रिश्ते नाते ही कुछ काम आएँगे न तुम्हारी औलाद (उस दिन) तो वही फ़ैसला कर देगा और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उसे देख रहा है
قَدْ كَانَتْ لَكُمْ أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ فِىٓ إِبْرَٰهِيمَ وَٱلَّذِينَ مَعَهُۥٓ إِذْ قَالُوا۟ لِقَوْمِهِمْ إِنَّا بُرَءَٰٓؤُا۟ مِنكُمْ وَمِمَّا تَعْبُدُونَ مِن دُونِ ٱللَّهِ كَفَرْنَا بِكُمْ وَبَدَا بَيْنَنَا وَبَيْنَكُمُ ٱلْعَدَٰوَةُ وَٱلْبَغْضَآءُ أَبَدًا حَتَّىٰ تُؤْمِنُوا۟ بِٱللَّهِ وَحْدَهُۥٓ إِلَّا قَوْلَ إِبْرَٰهِيمَ لِأَبِيهِ لَأَسْتَغْفِرَنَّ لَكَ وَمَآ أَمْلِكُ لَكَ مِنَ ٱللَّهِ مِن شَىْءٍ رَّبَّنَا عَلَيْكَ تَوَكَّلْنَا وَإِلَيْكَ أَنَبْنَا وَإِلَيْكَ ٱلْمَصِيرُ
Qad kanat lakum oswatun hasanatun fee ibraheema waallatheena maAAahu ith qaloo liqawmihim inna buraao minkum wamimma taAAbudoona min dooni Allahi kafarna bikum wabada baynana wabaynakumu alAAadawatu waalbaghdao abadan hatta tuminoo biAllahi wahdahu illa qawla ibraheema liabeehi laastaghfiranna laka wama amliku laka mina Allahi min shayin rabbana AAalayka tawakkalna wailayka anabna wailayka almaseeru
(मुसलमानों) तुम्हारे वास्ते तो इबराहीम और उनके साथियों (के क़ौल व फेल का अच्छा नमूना मौजूद है) कि जब उन्होने अपनी क़ौम से कहा कि हम तुमसे और उन (बुतों) से जिन्हें तुम ख़ुदा के सिवा पूजते हो बेज़ार हैं हम तो तुम्हारे (दीन के) मुनकिर हैं और जब तक तुम यकता ख़ुदा पर ईमान न लाओ हमारे तुम्हारे दरमियान खुल्लम खुल्ला अदावत व दुशमनी क़ायम हो गयी मगर (हाँ) इबराहीम ने अपने (मुँह बोले) बाप से ये (अलबत्ता) कहा कि मैं आपके लिए मग़फ़िरत की दुआ ज़रूर करूँगा और ख़ुदा के सामने तो मैं आपके वास्ते कुछ एख्तेयार नहीं रखता ऐ हमारे पालने वाले (ख़ुदा) हमने तुझी पर भरोसा कर लिया है और तेरी ही तरफ हम रूजू करते हैं
رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلَّذِينَ كَفَرُوا۟ وَٱغْفِرْ لَنَا رَبَّنَآ إِنَّكَ أَنتَ ٱلْعَزِيزُ ٱلْحَكِيمُ
Rabbana la tajAAalna fitnatan lillatheena kafaroo waighfir lana rabbana innaka anta alAAazeezu alhakeemu
और तेरी तरफ हमें लौट कर जाना है ऐ हमारे पालने वाले तू हम लोगों को काफ़िरों की आज़माइश (का ज़रिया) न क़रार दे और परवरदिगार तू हमें बख्श दे बेशक तू ग़ालिब (और) हिकमत वाला है
لَقَدْ كَانَ لَكُمْ فِيهِمْ أُسْوَةٌ حَسَنَةٌ لِّمَن كَانَ يَرْجُوا۟ ٱللَّهَ وَٱلْيَوْمَ ٱلْءَاخِرَ وَمَن يَتَوَلَّ فَإِنَّ ٱللَّهَ هُوَ ٱلْغَنِىُّ ٱلْحَمِيدُ
Laqad kana lakum feehim oswatun hasanatun liman kana yarjoo Allaha waalyawma alakhira waman yatawalla fainna Allaha huwa alghanniyyu alhameedu
(मुसलमानों) उन लोगों के (अफ़आल) का तुम्हारे वास्ते जो ख़ुदा और रोज़े आख़ेरत की उम्मीद रखता हो अच्छा नमूना है और जो (इससे) मुँह मोड़े तो ख़ुदा भी यक़ीनन बेपरवा (और) सज़ावारे हम्द है
عَسَى ٱللَّهُ أَن يَجْعَلَ بَيْنَكُمْ وَبَيْنَ ٱلَّذِينَ عَادَيْتُم مِّنْهُم مَّوَدَّةً وَٱللَّهُ قَدِيرٌ وَٱللَّهُ غَفُورٌ رَّحِيمٌ
AAasa Allahu an yajAAala baynakum wabayna allatheena AAadaytum minhum mawaddatan waAllahu qadeerun waAllahu ghafoorun raheemun
करीब है कि ख़ुदा तुम्हारे और उनमें से तुम्हारे दुश्मनों के दरमियान दोस्ती पैदा कर दे और ख़ुदा तो क़ादिर है और ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
لَّا يَنْهَىٰكُمُ ٱللَّهُ عَنِ ٱلَّذِينَ لَمْ يُقَٰتِلُوكُمْ فِى ٱلدِّينِ وَلَمْ يُخْرِجُوكُم مِّن دِيَٰرِكُمْ أَن تَبَرُّوهُمْ وَتُقْسِطُوٓا۟ إِلَيْهِمْ إِنَّ ٱللَّهَ يُحِبُّ ٱلْمُقْسِطِينَ
La yanhakumu Allahu AAani allatheena lam yuqatilookum fee alddeeni walam yukhrijookum min diyarikum an tabarroohum watuqsitoo ilayhim inna Allaha yuhibbu almuqsiteena
जो लोग तुमसे तुम्हारे दीन के बारे में नहीं लड़े भिड़े और न तुम्हें घरों से निकाले उन लोगों के साथ एहसान करने और उनके साथ इन्साफ़ से पेश आने से ख़ुदा तुम्हें मना नहीं करता बेशक ख़ुदा इन्साफ़ करने वालों को दोस्त रखता है
إِنَّمَا يَنْهَىٰكُمُ ٱللَّهُ عَنِ ٱلَّذِينَ قَٰتَلُوكُمْ فِى ٱلدِّينِ وَأَخْرَجُوكُم مِّن دِيَٰرِكُمْ وَظَٰهَرُوا۟ عَلَىٰٓ إِخْرَاجِكُمْ أَن تَوَلَّوْهُمْ وَمَن يَتَوَلَّهُمْ فَأُو۟لَٰٓئِكَ هُمُ ٱلظَّٰلِمُونَ
Innama yanhakumu Allahu AAani allatheena qatalookum fee alddeeni waakhrajookum min diyarikum wathaharoo AAala ikhrajikum an tawallawhum waman yatawallahum faolaika humu alththalimoona
ख़ुदा तो बस उन लोगों के साथ दोस्ती करने से मना करता है जिन्होने तुमसे दीन के बारे में लड़ाई की और तुमको तुम्हारे घरों से निकाल बाहर किया, और तुम्हारे निकालने में (औरों की) मदद की और जो लोग ऐसों से दोस्ती करेंगे वह लोग ज़ालिम हैं
يَٰٓأَيُّهَا ٱلَّذِينَ ءَامَنُوٓا۟ إِذَا جَآءَكُمُ ٱلْمُؤْمِنَٰتُ مُهَٰجِرَٰتٍ فَٱمْتَحِنُوهُنَّ ٱللَّهُ أَعْلَمُ بِإِيمَٰنِهِنَّ فَإِنْ عَلِمْتُمُوهُنَّ مُؤْمِنَٰتٍ فَلَا تَرْجِعُوهُنَّ إِلَى ٱلْكُفَّارِ لَا هُنَّ حِلٌّ لَّهُمْ وَلَا هُمْ يَحِلُّونَ لَهُنَّ وَءَاتُوهُم مَّآ أَنفَقُوا۟ وَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ أَن تَنكِحُوهُنَّ إِذَآ ءَاتَيْتُمُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ وَلَا تُمْسِكُوا۟ بِعِصَمِ ٱلْكَوَافِرِ وَسْـَٔلُوا۟ مَآ أَنفَقْتُمْ وَلْيَسْـَٔلُوا۟ مَآ أَنفَقُوا۟ ذَٰلِكُمْ حُكْمُ ٱللَّهِ يَحْكُمُ بَيْنَكُمْ وَٱللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ
Ya ayyuha allatheena amanoo itha jaakumu almuminatu muhajiratin faimtahinoohunna Allahu aAAlamu bieemanihinna fain AAalimtumoohunna muminatin fala tarjiAAoohunna ila alkuffari la hunna hillun lahum wala hum yahilloona lahunna waatoohum ma anfaqoo wala junaha AAalaykum an tankihoohunna itha ataytumoohunna ojoorahunna wala tumsikoo biAAisami alkawafiri waisaloo ma anfaqtum walyasaloo ma anfaqoo thalikum hukmu Allahi yahkumu baynakum waAllahu AAaleemun hakeemun
ऐ ईमानदारों जब तुम्हारे पास ईमानदार औरतें वतन छोड़ कर आएँ तो तुम उनको आज़मा लो, ख़ुदा तो उनके ईमान से वाकिफ़ है ही, पस अगर तुम भी उनको ईमानदार समझो तो उन्ही काफ़िरों के पास वापस न फेरो न ये औरतें उनके लिए हलाल हैं और न वह कुफ्फ़ार उन औरतों के लिए हलाल हैं और उन कुफ्फार ने जो कुछ (उन औरतों के मेहर में) ख़र्च किया हो उनको दे दो, और जब उनका महर उन्हें दे दिया करो तो इसका तुम पर कुछ गुनाह नहीं कि तुम उससे निकाह कर लो और काफिर औरतों की आबरू (जो तुम्हारी बीवियाँ हों) अपने कब्ज़े में न रखो (छोड़ दो कि कुफ्फ़ार से जा मिलें) और तुमने जो कुछ (उन पर) ख़र्च किया हो (कुफ्फ़ार से) लो, और उन्होने भी जो कुछ ख़र्च किया हो तुम से माँग लें यही ख़ुदा का हुक्म है जो तुम्हारे दरमियान सादिर करता है और ख़ुदा वाक़िफ़कार हकीम है
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