Read Surah Shurawith translation
كَذَٰلِكَ يُوحِىٓ إِلَيْكَ وَإِلَى ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِكَ ٱللَّهُ ٱلْعَزِيزُ ٱلْحَكِيمُ
Kathalika yoohee ilayka waila allatheena min qablika Allahu alAAazeezu alhakeemu
(ऐ रसूल) ग़ालिब व दाना ख़ुदा तुम्हारी तरफ़ और जो (पैग़म्बर) तुमसे पहले गुज़रे उनकी तरफ यूँ ही वही भेजता रहता है जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है ग़रज़ सब कुछ उसी का है
لَهُۥ مَا فِى ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِى ٱلْأَرْضِ وَهُوَ ٱلْعَلِىُّ ٱلْعَظِيمُ
Lahu ma fee alssamawati wama fee alardi wahuwa alAAaliyyu alAAatheemu
और वह तो (बड़ा) आलीशान (और) बुर्ज़ुग है
تَكَادُ ٱلسَّمَٰوَٰتُ يَتَفَطَّرْنَ مِن فَوْقِهِنَّ وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ يُسَبِّحُونَ بِحَمْدِ رَبِّهِمْ وَيَسْتَغْفِرُونَ لِمَن فِى ٱلْأَرْضِ أَلَآ إِنَّ ٱللَّهَ هُوَ ٱلْغَفُورُ ٱلرَّحِيمُ
Takadu alssamawatu yatafattarna min fawqihinna waalmalaikatu yusabbihoona bihamdi rabbihim wayastaghfiroona liman fee alardi ala inna Allaha huwa alghafooru alrraheemu
(उनकी बातों से) क़रीब है कि सारे आसमान (उसकी हैबत के मारे) अपने ऊपर वार से फट पड़े और फ़रिश्ते तो अपने परवरदिगार की तारीफ़ के साथ तसबीह करते हैं और जो लोग ज़मीन में हैं उनके लिए (गुनाहों की) माफी माँगा करते हैं सुन रखो कि ख़ुदा ही यक़ीनन बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
وَٱلَّذِينَ ٱتَّخَذُوا۟ مِن دُونِهِۦٓ أَوْلِيَآءَ ٱللَّهُ حَفِيظٌ عَلَيْهِمْ وَمَآ أَنتَ عَلَيْهِم بِوَكِيلٍ
Waallatheena ittakhathoo min doonihi awliyaa Allahu hafeethun AAalayhim wama anta AAalayhim biwakeelin
और जिन लोगों ने ख़ुदा को छोड़ कर (और) अपने सरपरस्त बना रखे हैं ख़ुदा उनकी निगरानी कर रहा है (ऐ रसूल) तुम उनके निगेहबान नहीं हो
وَكَذَٰلِكَ أَوْحَيْنَآ إِلَيْكَ قُرْءَانًا عَرَبِيًّا لِّتُنذِرَ أُمَّ ٱلْقُرَىٰ وَمَنْ حَوْلَهَا وَتُنذِرَ يَوْمَ ٱلْجَمْعِ لَا رَيْبَ فِيهِ فَرِيقٌ فِى ٱلْجَنَّةِ وَفَرِيقٌ فِى ٱلسَّعِيرِ
Wakathalika awhayna ilayka quranan AAarabiyyan litunthira omma alqura waman hawlaha watunthira yawma aljamAAi la rayba feehi fareequn fee aljannati wafareequn fee alssaAAeeri
और हमने तुम्हारे पास अरबी क़ुरान यूँ भेजा ताकि तुम मक्का वालों को और जो लोग इसके इर्द गिर्द रहते हैं उनको डराओ और (उनको) क़यामत के दिन से भी डराओ जिस (के आने) में कुछ भी शक़ नहीं (उस दिन) एक फरीक़ (मानने वाला) जन्नत में होगा और फरीक़ (सानी) दोज़ख़ में
وَلَوْ شَآءَ ٱللَّهُ لَجَعَلَهُمْ أُمَّةً وَٰحِدَةً وَلَٰكِن يُدْخِلُ مَن يَشَآءُ فِى رَحْمَتِهِۦ وَٱلظَّٰلِمُونَ مَا لَهُم مِّن وَلِىٍّ وَلَا نَصِيرٍ
Walaw shaa Allahu lajaAAalahum ommatan wahidatan walakin yudkhilu man yashao fee rahmatihi waalththalimoona ma lahum min waliyyin wala naseerin
और अगर ख़ुदा चाहता तो इन सबको एक ही गिरोह बना देता मगर वह तो जिसको चाहता है (हिदायत करके) अपनी रहमत में दाख़िल कर लेता है और ज़ालिमों का तो (उस दिन) न कोई यार है और न मददगार
أَمِ ٱتَّخَذُوا۟ مِن دُونِهِۦٓ أَوْلِيَآءَ فَٱللَّهُ هُوَ ٱلْوَلِىُّ وَهُوَ يُحْىِ ٱلْمَوْتَىٰ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ
Ami ittakhathoo min doonihi awliyaa faAllahu huwa alwaliyyu wahuwa yuhyee almawta wahuwa AAala kulli shayin qadeerun
क्या उन लोगों ने ख़ुदा के सिवा (दूसरे) कारसाज़ बनाए हैं तो कारसाज़ बस ख़ुदा ही है और वही मुर्दों को ज़िन्दा करेगा और वही हर चीज़ पर क़ुदरत रखता है
وَمَا ٱخْتَلَفْتُمْ فِيهِ مِن شَىْءٍ فَحُكْمُهُۥٓ إِلَى ٱللَّهِ ذَٰلِكُمُ ٱللَّهُ رَبِّى عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَإِلَيْهِ أُنِيبُ
Wama ikhtalaftum feehi min shayin fahukmuhu ila Allahi thalikumu Allahu rabbee AAalayhi tawakkaltu wailayhi oneebu
और तुम लोग जिस चीज़ में बाहम एख्तेलाफ़ात रखते हो उसका फैसला ख़ुदा ही के हवाले है वही ख़ुदा तो मेरा परवरदिगार है मैं उसी पर भरोसा रखता हूँ और उसी की तरफ रूजू करता हूँ
فَاطِرُ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ جَعَلَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَٰجًا وَمِنَ ٱلْأَنْعَٰمِ أَزْوَٰجًا يَذْرَؤُكُمْ فِيهِ لَيْسَ كَمِثْلِهِۦ شَىْءٌ وَهُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلْبَصِيرُ
Fatiru alssamawati waalardi jaAAala lakum min anfusikum azwajan wamina alanAAami azwajan yathraokum feehi laysa kamithlihi shayon wahuwa alssameeAAu albaseeru
सारे आसमान व ज़मीन का पैदा करने वाला (वही) है उसी ने तुम्हारे लिए तुम्हारी ही जिन्स के जोड़े बनाए और चारपायों के जोड़े भी (उसी ने बनाए) उस (तरफ) में तुमको फैलाता रहता है कोई चीज़ उसकी मिसल नहीं और वह हर चीज़ को सुनता देखता है
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