Oku Surat GhafirSure okuma
قَالَ ٱلَّذِينَ ٱسْتَكْبَرُوٓا۟ إِنَّا كُلٌّ فِيهَآ إِنَّ ٱللَّهَ قَدْ حَكَمَ بَيْنَ ٱلْعِبَادِ
Qala allatheena istakbaroo inna kullun feeha inna Allaha qad hakama bayna alAAibadi
तो बड़े लोग कहेंगें (अब तो) हम (तुम) सबके सब आग में पड़े हैं ख़ुदा (को) तो बन्दों के बारे में (जो कुछ) फैसला (करना था) कर चुका
وَقَالَ ٱلَّذِينَ فِى ٱلنَّارِ لِخَزَنَةِ جَهَنَّمَ ٱدْعُوا۟ رَبَّكُمْ يُخَفِّفْ عَنَّا يَوْمًا مِّنَ ٱلْعَذَابِ
Waqala allatheena fee alnnari likhazanati jahannama odAAoo rabbakum yukhaffif AAanna yawman mina alAAathabi
और जो लोग आग में (जल रहे) होंगे जहन्नुम के दरोग़ाओं से दरख्वास्त करेंगे कि अपने परवरदिगार से अर्ज़ करो कि एक दिन तो हमारे अज़ाब में तख़फ़ीफ़ कर दें
قَالُوٓا۟ أَوَلَمْ تَكُ تَأْتِيكُمْ رُسُلُكُم بِٱلْبَيِّنَٰتِ قَالُوا۟ بَلَىٰ قَالُوا۟ فَٱدْعُوا۟ وَمَا دُعَٰٓؤُا۟ ٱلْكَٰفِرِينَ إِلَّا فِى ضَلَٰلٍ
Qaloo awalam taku tateekum rusulukum bialbayyinati qaloo bala qaloo faodAAoo wama duAAao alkafireena illa fee dalalin
वह जवाब देंगे कि क्या तुम्हारे पास तुम्हारे पैग़म्बर साफ व रौशन मौजिज़े लेकर नहीं आए थे वह कहेंगे (हाँ) आए तो थे, तब फरिश्ते तो कहेंगे फिर तुम ख़़ुद (क्यों) न दुआ करो, हालाँकि काफ़िरों की दुआ तो बस बेकार ही है
إِنَّا لَنَنصُرُ رُسُلَنَا وَٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ فِى ٱلْحَيَوٰةِ ٱلدُّنْيَا وَيَوْمَ يَقُومُ ٱلْأَشْهَٰدُ
Inna lanansuru rusulana waallatheena amanoo fee alhayati alddunya wayawma yaqoomu alashhadu
हम अपने पैग़म्बरों की और ईमान वालों की दुनिया की ज़िन्दगी में भी ज़रूर मदद करेंगे और जिस दिन गवाह (पैग़म्बर फरिश्ते गवाही को) उठ खड़े होंगे
يَوْمَ لَا يَنفَعُ ٱلظَّٰلِمِينَ مَعْذِرَتُهُمْ وَلَهُمُ ٱللَّعْنَةُ وَلَهُمْ سُوٓءُ ٱلدَّارِ
Yawma la yanfaAAu alththalimeena maAAthiratuhum walahumu allaAAnatu walahum sooo alddari
(उस दिन भी) जिस दिन ज़ालिमों को उनकी माज़ेरत कुछ भी फायदे न देगी और उन पर फिटकार (बरसती) होगी और उनके लिए बहुत बुरा घर (जहन्नुम) है
وَلَقَدْ ءَاتَيْنَا مُوسَى ٱلْهُدَىٰ وَأَوْرَثْنَا بَنِىٓ إِسْرَٰٓءِيلَ ٱلْكِتَٰبَ
Walaqad atayna moosa alhuda waawrathna banee israeela alkitaba
और हम ही ने मूसा को हिदायत (की किताब तौरेत) दी और बनी इसराईल को (उस) किताब का वारिस बनाया
هُدًى وَذِكْرَىٰ لِأُو۟لِى ٱلْأَلْبَٰبِ
Hudan wathikra liolee alalbabi
जो अक्लमन्दों के लिए (सरतापा) हिदायत व नसीहत है
فَٱصْبِرْ إِنَّ وَعْدَ ٱللَّهِ حَقٌّ وَٱسْتَغْفِرْ لِذَنۢبِكَ وَسَبِّحْ بِحَمْدِ رَبِّكَ بِٱلْعَشِىِّ وَٱلْإِبْكَٰرِ
Faisbir inna waAAda Allahi haqqun waistaghfir lithanbika wasabbih bihamdi rabbika bialAAashiyyi waalibkari
(ऐ रसूल) तुम (उनकी शरारत) पर सब्र करो बेशक ख़ुदा का वायदा सच्चा है, और अपने (उम्मत की) गुनाहों की माफी माँगो और सुबह व शाम अपने परवरदिगार की हम्द व सना के साथ तसबीह करते रहो
إِنَّ ٱلَّذِينَ يُجَٰدِلُونَ فِىٓ ءَايَٰتِ ٱللَّهِ بِغَيْرِ سُلْطَٰنٍ أَتَىٰهُمْ إِن فِى صُدُورِهِمْ إِلَّا كِبْرٌ مَّا هُم بِبَٰلِغِيهِ فَٱسْتَعِذْ بِٱللَّهِ إِنَّهُۥ هُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلْبَصِيرُ
Inna allatheena yujadiloona fee ayati Allahi bighayri sultanin atahum in fee sudoorihim illa kibrun ma hum bibaligheehi faistaAAith biAllahi innahu huwa alssameeAAu albaseeru
जिन लोगों के पास (ख़ुदा की तरफ से) कोई दलील तो आयी नहीं और (फिर) वह ख़ुदा की आयतों में (ख्वाह मा ख्वाह) झगड़े निकालते हैं, उनके दिल में बुराई (की बेजां हवस) के सिवा कुछ नहीं हालाँकि वह लोग उस तक कभी पहुँचने वाले नहीं तो तुम बस ख़ुदा की पनाह माँगते रहो बेशक वह बड़ा सुनने वाला (और) देखने वाला है
لَخَلْقُ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ أَكْبَرُ مِنْ خَلْقِ ٱلنَّاسِ وَلَٰكِنَّ أَكْثَرَ ٱلنَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ
Lakhalqu alssamawati waalardi akbaru min khalqi alnnasi walakinna akthara alnnasi la yaAAlamoona
सारे आसमान और ज़मीन का पैदा करना लोगों के पैदा करने की ये निस्बत यक़ीनी बड़ा (काम) है मगर अक्सर लोग (इतना भी) नहीं जानते
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