Read Surah Hudwith translation
إِلَى ٱللَّهِ مَرْجِعُكُمْ وَهُوَ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ قَدِيرٌ
Ila Allahi marjiAAukum wahuwa AAala kulli shayin qadeerun
तुम्हें अल्लाह ही की ओर पलटना है, और उसे हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है।"
أَلَآ إِنَّهُمْ يَثْنُونَ صُدُورَهُمْ لِيَسْتَخْفُوا۟ مِنْهُ أَلَا حِينَ يَسْتَغْشُونَ ثِيَابَهُمْ يَعْلَمُ مَا يُسِرُّونَ وَمَا يُعْلِنُونَ إِنَّهُۥ عَلِيمٌۢ بِذَاتِ ٱلصُّدُورِ
Ala innahum yathnoona sudoorahum liyastakhfoo minhu ala heena yastaghshoona thiyabahum yaAAlamu ma yusirroona wama yuAAlinoona innahu AAaleemun bithati alssudoori
देखो! ये अपने सीनों को मोड़ते है, चाहिए कि उससे छिपें। देखों! जब ये अपने कपड़ों से स्वयं को ढाँकते है, वह जानता है जो कुछ वे छिपाते है और जो कुछ वे प्रकट करते है। निस्संदेह वह सीनों तक की बात को जानता है
وَمَا مِن دَآبَّةٍ فِى ٱلْأَرْضِ إِلَّا عَلَى ٱللَّهِ رِزْقُهَا وَيَعْلَمُ مُسْتَقَرَّهَا وَمُسْتَوْدَعَهَا كُلٌّ فِى كِتَٰبٍ مُّبِينٍ
Wama min dabbatin fee alardi illa AAala Allahi rizquha wayaAAlamu mustaqarraha wamustawdaAAaha kullun fee kitabin mubeenin
धरती में चलने-फिरनेवाला जो प्राणी भी है उसकी रोज़ी अल्लाह के ज़िम्मे है। वह जानता है जहाँ उसे ठहरना है और जहाँ उसे सौपा जाना है। सब कुछ एक स्पष्ट किताब में मौजूद है
وَهُوَ ٱلَّذِى خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضَ فِى سِتَّةِ أَيَّامٍ وَكَانَ عَرْشُهُۥ عَلَى ٱلْمَآءِ لِيَبْلُوَكُمْ أَيُّكُمْ أَحْسَنُ عَمَلًا وَلَئِن قُلْتَ إِنَّكُم مَّبْعُوثُونَ مِنۢ بَعْدِ ٱلْمَوْتِ لَيَقُولَنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓا۟ إِنْ هَٰذَآ إِلَّا سِحْرٌ مُّبِينٌ
Wahuwa allathee khalaqa alssamawati waalarda fee sittati ayyamin wakana AAarshuhu AAala almai liyabluwakum ayyukum ahsanu AAamalan walain qulta innakum mabAAoothoona min baAAdi almawti layaqoolanna allatheena kafaroo in hatha illa sihrun mubeenun
वही है जिसने आकाशों और धरती को छः दिनों में पैदा किया - उसका सिंहासन पानी पर था - ताकि वह तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें कर्म की स्पष्ट से कौन सबसे अच्छा है। और यदि तुम कहो कि "मरने के पश्चात तुम अवश्य उठोगे।" तो जिन्हें इनकार है, वे कहने लगेंगे, "यह तो खुला जादू है।"
وَلَئِنْ أَخَّرْنَا عَنْهُمُ ٱلْعَذَابَ إِلَىٰٓ أُمَّةٍ مَّعْدُودَةٍ لَّيَقُولُنَّ مَا يَحْبِسُهُۥٓ أَلَا يَوْمَ يَأْتِيهِمْ لَيْسَ مَصْرُوفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِم مَّا كَانُوا۟ بِهِۦ يَسْتَهْزِءُونَ
Walain akhkharna AAanhumu alAAathaba ila ommatin maAAdoodatin layaqoolunna ma yahbisuhu ala yawma yateehim laysa masroofan AAanhum wahaqa bihim ma kanoo bihi yastahzioona
यदि हम एक निश्चित अवधि तक के लिए उनसे यातना को टाले रखें, तो वे कहने लगेंगे, "आख़िर किस चीज़ ने उसे रोक रखा है?" सुन लो! जिन दिन वह उनपर आ जाएगी तो फिर वह उनपर से टाली नहीं जाएगी। और वही चीज़ उन्हें घेर लेगी जिसका वे उपहास करते है
وَلَئِنْ أَذَقْنَا ٱلْإِنسَٰنَ مِنَّا رَحْمَةً ثُمَّ نَزَعْنَٰهَا مِنْهُ إِنَّهُۥ لَيَـُٔوسٌ كَفُورٌ
Walain athaqna alinsana minna rahmatan thumma nazaAAnaha minhu innahu layaoosun kafoorun
यदि हम मनुष्य को अपनी दयालुता का रसास्वादन कराकर फिर उसको छीन लॆं, तॊ (वह दयालुता कॆ लिए याचना नहीं करता) निश्चय ही वह निराशावादी, कृतघ्न है
وَلَئِنْ أَذَقْنَٰهُ نَعْمَآءَ بَعْدَ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُ لَيَقُولَنَّ ذَهَبَ ٱلسَّيِّـَٔاتُ عَنِّىٓ إِنَّهُۥ لَفَرِحٌ فَخُورٌ
Walain athaqnahu naAAmaa baAAda darraa massathu layaqoolanna thahaba alssayyiatu AAannee innahu lafarihun fakhoorun
और यदि हम इसके पश्चात कि उसे तकलीफ़ पहुँची हो, उसे नेमत का रसास्वादन कराते है तो वह कहने लगता है, "मेरे तो सारे दुख दूर हो गए।" वह तो फूला नहीं समाता, डींगे मारने लगता है
إِلَّا ٱلَّذِينَ صَبَرُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّٰلِحَٰتِ أُو۟لَٰٓئِكَ لَهُم مَّغْفِرَةٌ وَأَجْرٌ كَبِيرٌ
Illa allatheena sabaroo waAAamiloo alssalihati olaika lahum maghfiratun waajrun kabeerun
उनकी बात दूसरी है जिन्होंने धैर्य से काम लिया और सत्कर्म किए। वही है जिनके लिए क्षमा और बड़ा प्रतिदान है
فَلَعَلَّكَ تَارِكٌۢ بَعْضَ مَا يُوحَىٰٓ إِلَيْكَ وَضَآئِقٌۢ بِهِۦ صَدْرُكَ أَن يَقُولُوا۟ لَوْلَآ أُنزِلَ عَلَيْهِ كَنزٌ أَوْ جَآءَ مَعَهُۥ مَلَكٌ إِنَّمَآ أَنتَ نَذِيرٌ وَٱللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَىْءٍ وَكِيلٌ
FalaAAallaka tarikun baAAda ma yooha ilayka wadaiqun bihi sadruka an yaqooloo lawla onzila AAalayhi kanzun aw jaa maAAahu malakun innama anta natheerun waAllahu AAala kulli shayin wakeelun
तो शायद तुम उसमें से कुछ छोड़ बैठोगे, जो तुम्हारी ओर प्रकाशना रूप में भेजी जा रही है। और तुम इस बात पर तंगदिल हो रहे हो कि वे कहते है, "उसपर कोई ख़ज़ाना क्यों नहीं उतरा या उसके साथ कोई फ़रिश्ता क्यों नहीं आया?" तुम तो केवल सचेत करनेवाले हो। हर चीज़ अल्लाह ही के हवाले है
أَمْ يَقُولُونَ ٱفْتَرَىٰهُ قُلْ فَأْتُوا۟ بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهِۦ مُفْتَرَيَٰتٍ وَٱدْعُوا۟ مَنِ ٱسْتَطَعْتُم مِّن دُونِ ٱللَّهِ إِن كُنتُمْ صَٰدِقِينَ
Am yaqooloona iftarahu qul fatoo biAAashri suwarin mithlihi muftarayatin waodAAoo mani istataAAtum min dooni Allahi in kuntum sadiqeena
(उन्हें कोई शंका है) या वे कहते है कि "उसने इसे स्वयं घड़ लिया है?" कह दो, "अच्छा, यदि तुम सच्चे हो तो इस जैसी घड़ी हुई दस सूरतें ले आओ और अल्लाह से हटकर जिस किसी को बुला सकते हो बुला लो।"
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