قراءة سورة ابراهيممع الترجمة
وَإِذْ قَالَ مُوسَىٰ لِقَوْمِهِ ٱذْكُرُوا۟ نِعْمَةَ ٱللَّهِ عَلَيْكُمْ إِذْ أَنجَىٰكُم مِّنْ ءَالِ فِرْعَوْنَ يَسُومُونَكُمْ سُوٓءَ ٱلْعَذَابِ وَيُذَبِّحُونَ أَبْنَآءَكُمْ وَيَسْتَحْيُونَ نِسَآءَكُمْ وَفِى ذَٰلِكُم بَلَآءٌ مِّن رَّبِّكُمْ عَظِيمٌ
Waith qala moosa liqawmihi othkuroo niAAmata Allahi AAalaykum ith anjakum min ali firAAawna yasoomoonakum sooa alAAathabi wayuthabbihoona abnaakum wayastahyoona nisaakum wafee thalikum balaon min rabbikum AAatheemun
जब मूसा ने अपनी क़ौम के लोगों से कहा, "अल्लाह ही उस कृपादृष्टि को याद करो, जो तुमपर हुई। जब उसने तुम्हें फ़िरऔनियों से छुटकारा दिलाया जो तुम्हें बुरी यातना दे रहे थे, तुम्हारे बेटों का वध कर डालते थे और तुम्हारी औरतों को जीवित रखते थे, किन्तु इसमें तुम्हारे रब की ओर से बड़ी कृपा हुई।"
وَإِذْ تَأَذَّنَ رَبُّكُمْ لَئِن شَكَرْتُمْ لَأَزِيدَنَّكُمْ وَلَئِن كَفَرْتُمْ إِنَّ عَذَابِى لَشَدِيدٌ
Waith taaththana rabbukum lain shakartum laazeedannakum walain kafartum inna AAathabee lashadeedun
जब तुम्हारे रब ने सचेत कर दिया था कि 'यदि तुम कृतज्ञ हुए तो मैं तुम्हें और अधिक दूँगा, परन्तु यदि तुम अकृतज्ञ सिद्ध हुए तो निश्चय ही मेरी यातना भी अत्यन्त कठोर है।'
وَقَالَ مُوسَىٰٓ إِن تَكْفُرُوٓا۟ أَنتُمْ وَمَن فِى ٱلْأَرْضِ جَمِيعًا فَإِنَّ ٱللَّهَ لَغَنِىٌّ حَمِيدٌ
Waqala moosa in takfuroo antum waman fee alardi jameeAAan fainna Allaha laghaniyyun hameedun
और मूसा ने भी कहा था, "यदि तुम और वे जो भी धरती में हैं सब के सब अकृतज्ञ हो जाओ तो अल्लाह तो बड़ा निरपेक्ष, प्रशंस्य है।"
أَلَمْ يَأْتِكُمْ نَبَؤُا۟ ٱلَّذِينَ مِن قَبْلِكُمْ قَوْمِ نُوحٍ وَعَادٍ وَثَمُودَ وَٱلَّذِينَ مِنۢ بَعْدِهِمْ لَا يَعْلَمُهُمْ إِلَّا ٱللَّهُ جَآءَتْهُمْ رُسُلُهُم بِٱلْبَيِّنَٰتِ فَرَدُّوٓا۟ أَيْدِيَهُمْ فِىٓ أَفْوَٰهِهِمْ وَقَالُوٓا۟ إِنَّا كَفَرْنَا بِمَآ أُرْسِلْتُم بِهِۦ وَإِنَّا لَفِى شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُونَنَآ إِلَيْهِ مُرِيبٍ
Alam yatikum nabao allatheena min qablikum qawmi noohin waAAadin wathamooda waallatheena min baAAdihim la yaAAlamuhum illa Allahu jaathum rusuluhum bialbayyinati faraddoo aydiyahum fee afwahihim waqaloo inna kafarna bima orsiltum bihi wainna lafee shakkin mimma tadAAoonana ilayhi mureebun
क्या तुम्हें उन लोगों की खबर नहीं पहुँची जो तुमसे पहले गुज़रे हैं, नूह की क़ौम और आद और समूद और वे लोग जो उनके पश्चात हुए जिनको अल्लाह के अतिरिक्त कोई नहीं जानता? उनके पास उनके रसूल स्पष्टि प्रमाण लेकर आए थे, किन्तु उन्होंने उनके मुँह पर अपने हाथ रख दिए और कहने लगे, "जो कुछ देकर तुम्हें भेजा गया है, हम उसका इनकार करते है और जिसकी ओर तुम हमें बुला रहे हो, उसके विषय में तो हम अत्यन्त दुविधाजनक संदेह में ग्रस्त है।"
قَالَتْ رُسُلُهُمْ أَفِى ٱللَّهِ شَكٌّ فَاطِرِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضِ يَدْعُوكُمْ لِيَغْفِرَ لَكُم مِّن ذُنُوبِكُمْ وَيُؤَخِّرَكُمْ إِلَىٰٓ أَجَلٍ مُّسَمًّى قَالُوٓا۟ إِنْ أَنتُمْ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُنَا تُرِيدُونَ أَن تَصُدُّونَا عَمَّا كَانَ يَعْبُدُ ءَابَآؤُنَا فَأْتُونَا بِسُلْطَٰنٍ مُّبِينٍ
Qalat rusuluhum afee Allahi shakkun fatiri alssamawati waalardi yadAAookum liyaghfira lakum min thunoobikum wayuakhkhirakum ila ajalin musamman qaloo in antum illa basharun mithluna tureedoona an tasuddoona AAamma kana yaAAbudu abaona fatoona bisultanin mubeenin
उनके रसूलों ने कहो, "क्या अल्लाह के विषय में संदेह है, जो आकाशों और धरती का रचयिता है? वह तो तुम्हें इसलिए बुला रहा है, ताकि तुम्हारे गुनाहों को क्षमा कर दे और तुम्हें एक नियत समय तक मुहल्ल दे।" उन्होंने कहा, "तुम तो बस हमारे ही जैसे एक मनुष्य हो, चाहते हो कि हमें उनसे रोक दो जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए है। अच्छा, तो अब हमारे सामने कोई स्पष्ट प्रमाण ले आओ।"
قَالَتْ لَهُمْ رُسُلُهُمْ إِن نَّحْنُ إِلَّا بَشَرٌ مِّثْلُكُمْ وَلَٰكِنَّ ٱللَّهَ يَمُنُّ عَلَىٰ مَن يَشَآءُ مِنْ عِبَادِهِۦ وَمَا كَانَ لَنَآ أَن نَّأْتِيَكُم بِسُلْطَٰنٍ إِلَّا بِإِذْنِ ٱللَّهِ وَعَلَى ٱللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ ٱلْمُؤْمِنُونَ
Qalat lahum rusuluhum in nahnu illa basharun mithlukum walakinna Allaha yamunnu AAala man yashao min AAibadihi wama kana lana an natiyakum bisultanin illa biithni Allahi waAAala Allahi falyatawakkali almuminoona
उनके रसूलों ने उनसे कहा, "हम तो वास्तव में बस तुम्हारे ही जैसे मनुष्य है, किन्तु अल्लाह अपने बन्दों में से जिनपर चाहता है एहसान करता है और यह हमारा काम नहीं कि तुम्हारे सामने कोई प्रमाण ले आएँ। यह तो बस अल्लाह के आदेश के पश्चात ही सम्भव है; और अल्लाह ही पर ईमानवालों को भरोसा करना चाहिए
وَمَا لَنَآ أَلَّا نَتَوَكَّلَ عَلَى ٱللَّهِ وَقَدْ هَدَىٰنَا سُبُلَنَا وَلَنَصْبِرَنَّ عَلَىٰ مَآ ءَاذَيْتُمُونَا وَعَلَى ٱللَّهِ فَلْيَتَوَكَّلِ ٱلْمُتَوَكِّلُونَ
Wama lana alla natawakkala AAala Allahi waqad hadana subulana walanasbiranna AAala ma athaytumoona waAAala Allahi falyatawakkali almutawakkiloona
आख़िर हमें क्या हुआ है कि हम अल्लाह पर भरोसा न करें, जबकि उसने हमें हमारे मार्ग दिखाए है? तुम हमें जो तकलीफ़ पहुँचा रहे हो उसके मुक़ाबले में हम धैर्य से काम लेंगे। भरोसा करनेवालों को तो अल्लाह ही पर भरोसा करना चाहिए।"
وَقَالَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ لِرُسُلِهِمْ لَنُخْرِجَنَّكُم مِّنْ أَرْضِنَآ أَوْ لَتَعُودُنَّ فِى مِلَّتِنَا فَأَوْحَىٰٓ إِلَيْهِمْ رَبُّهُمْ لَنُهْلِكَنَّ ٱلظَّٰلِمِينَ
Waqala allatheena kafaroo lirusulihim lanukhrijannakum min ardina aw lataAAoodunna fee millatina faawha ilayhim rabbuhum lanuhlikanna alththalimeena
अन्ततः इनकार करनेवालों ने अपने रसूलों से कहा, "हम तुम्हें अपने भू-भाग से निकालकर रहेंगे, या तो तुम्हें हमारे पंथ में लौट आना होगा।" तब उनके रब ने उनकी ओर प्रकाशना की, "हम अत्याचारियों को विनष्ट करके रहेंगे
وَلَنُسْكِنَنَّكُمُ ٱلْأَرْضَ مِنۢ بَعْدِهِمْ ذَٰلِكَ لِمَنْ خَافَ مَقَامِى وَخَافَ وَعِيدِ
Walanuskinannakumu alarda min baAAdihim thalika liman khafa maqamee wakhafa waAAeedi
और उनके पश्चात तुम्हें इस धरती में बसाएँगे। यह उसके लिए है, जिसे मेरे समक्ष खड़े होने का भय हो और जो मेरी चेतावनी से डरे।"
وَٱسْتَفْتَحُوا۟ وَخَابَ كُلُّ جَبَّارٍ عَنِيدٍ
Waistaftahoo wakhaba kullu jabbarin AAaneedin
उन्होंने फ़ैसला चाहा और प्रत्येक सरकश-दुराग्रही असफल होकर रहा
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